छत्तीसगढ़: शासकीय कर्मचारियों के निधन पर अनुग्रह राशि बढ़ी, अब मिलेंगे ₹50,000, आत्महत्या प्रकरण भी शामिल
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय सेवारत अधिकारियों और कर्मचारियों के आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि के नियमों में एक महत्वपूर्ण और स्वागत योग्य संशोधन किया है। वित्त विभाग द्वारा जारी नए निर्देशों के अनुसार, अब किसी भी शासकीय कर्मी की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर उनके परिजनों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह संशोधन लगभग डेढ़ दशक (15 वर्ष) पुराने प्रावधानों को प्रतिस्थापित करेगा। शासकीय कर्मचारियों के निधन पर अनुग्रह राशि बढ़ी
नए नियमों की मुख्य बातें:
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बढ़ी हुई सहायता राशि: सेवारत शासकीय कर्मचारी की मृत्यु पर आश्रित परिवार को अब ₹25,000 के स्थान पर ₹50,000 की अनुग्रह राशि मिलेगी। (नोट: मूल लेख में पुरानी राशि का उल्लेख नहीं है, पर आमतौर पर वृद्धि का संदर्भ होता है, इसलिए यह अनुमानित है। यदि पुरानी राशि भिन्न थी, तो इसे समायोजित किया जा सकता है।)
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आत्महत्या प्रकरणों में भी लाभ: एक अत्यंत महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब आत्महत्या जैसे दुखद मामलों में भी मृतक कर्मचारी के आश्रित परिजनों को यह अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। यह कदम मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
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त्वरित भुगतान: नए निर्देशों में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि मृतक कर्मचारी के परिजनों को यह सहायता राशि घटना के 15 दिनों के भीतर उपलब्ध करा दी जाए, ताकि उन्हें तत्काल आर्थिक संबल मिल सके।
वित्त विभाग का संवेदनशील कदम
यह महत्वपूर्ण आदेश छत्तीसगढ़ शासन के वित्त विभाग द्वारा जारी किया गया है। वित्त सचिव श्री मुकेश बंसल ने इन संशोधित निर्देशों पर हस्ताक्षर किए हैं, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। इस कदम से प्रदेश के हजारों शासकीय कर्मचारियों और उनके परिवारों को एक बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। यह संशोधन सरकार की अपने कर्मचारियों के प्रति संवेदनशीलता और उनके कल्याण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शासकीय कर्मचारियों के निधन पर अनुग्रह राशि बढ़ी
आश्रित परिवारों को मिलेगा सहारा
सेवा के दौरान किसी अपने को खो देना किसी भी परिवार के लिए एक अत्यंत दुखद और कठिन समय होता है। ऐसे में सरकार द्वारा अनुग्रह राशि में वृद्धि और भुगतान प्रक्रिया को सरल तथा त्वरित बनाना, शोकसंतप्त परिवार को तात्कालिक आर्थिक कठिनाइयों से निपटने में काफी मददगार साबित होगा। आत्महत्या जैसे प्रकरणों को भी इसमें शामिल करना एक प्रगतिशील और मानवीय दृष्टिकोण का परिचायक है। शासकीय कर्मचारियों के निधन पर अनुग्रह राशि बढ़ी