सरकारी जमीन को निजी करने का बड़ा खेल: नप गए पूर्व तहसीलदार सहित 3 रिटायर्ड अफसर
मामला का संक्षेप विवरण
छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में सरकारी भूमि को निजी करने के मामले में तत्कालीन तहसीलदार ऋचा सिंह समेत जल संसाधन विभाग के तीन रिटायर्ड अफसरों पर कार्रवाई की गई है। कोरिया कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने इन अधिकारियों के खिलाफ 15 दिनों के अंदर FIR दर्ज करने के निर्देश जल संसाधन विभाग के ईई को दिए हैं।
घटना का विवरण
कोरिया जिले के बैकुंठपुर ब्लॉक के सागरपुर ग्राम पंचायत की खसरा नंबर 442/2 रकबा 0.097 हेक्टेयर भूमि 1975 से जल संसाधन विभाग के नाम पर दर्ज थी। वर्ष 2021 में तहसीलदार ऋचा सिंह ने इस जमीन को ग्रामीण किशुन राम के नाम पर दर्ज कर दिया। इस अनियमितता का खुलासा होने पर कोरिया कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
तत्कालीन तहसीलदार ऋचा सिंह ने राजस्व अधिकारी के रूप में अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर शासकीय भूमि को निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने का आदेश दिया। उनके न्यायालय ने बिना दस्तावेजों का सही परीक्षण किए ही यह आदेश जारी किया।
विनय कुमार लंगेह, कलेक्टर कोरिया
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की भूमिका
जल संसाधन विभाग के तत्कालीन SDO आरसी सोनी, आरसी जैन और अमीन वैद्यनाथ शर्मा ने बिना दस्तावेज परीक्षण के प्रमाण-पत्र जारी किया। इन अधिकारियों ने भी अपने कर्तव्यों का सही पालन नहीं किया, जिससे सरकारी जमीन को निजी व्यक्ति के नाम पर दर्ज किया गया।
कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के निर्देश
कोरिया कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने पूर्व में दिए गए तहसीलदार के आदेश को शून्य घोषित कर उक्त भूमि को जल संसाधन विभाग के नाम पर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
भूमि अधिग्रहण का रिकार्ड
भूमि अधिग्रहण का रिकार्ड अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय गेज स्पिल-वे, बैकुंठपुर से मंगवाने पर पता चला कि खसरा क्रमांक 515 व 442/2 का अधिग्रहण कर मुआवजा संबंधित भूमि मालिक किशुन सहित अन्य को 23 दिसंबर 1977 को किया जा चुका है।
ग्राम पंचायत भवन का मामला
ग्रामीणों ने 2022 में की गई शिकायत में बताया कि उक्त भूमि पर पंचायत भवन बना है, जबकि राजस्व रिकॉर्ड में वह भूमि पंचायत भवन और खेल का मैदान के रूप में दर्ज है। तहसीलदार बैकुंठपुर मनहरण सिंह राठिया ने 22 फरवरी 2022 को राजस्व रिकॉर्ड दुरुस्त करने का आदेश दिया, जिसके बाद वह भूमि किशुन राम रजवार के नाम पर दर्ज हो गई।
न्यायालय का आदेश
किशुनराम व सुखलाल ने शपथ-पत्र देकर बताया कि उक्त भूमि का अधिग्रहण जल संसाधन विभाग द्वारा कभी नहीं किया गया। त्रुटिवश अभिलेख में जल संसाधन विभाग का नाम दर्ज हो गया है। मामले में न्यायालय ने दस्तावेजों के आधार पर आदेश जारी कर दिया।
इस मामले में कोरिया जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से पालन नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप सरकारी जमीन को निजी व्यक्ति के नाम पर दर्ज कर दिया गया। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने इस अनियमितता को संज्ञान में लेते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
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