1.38 करोड़ का स्टॉपडेम घोटाला: IFS सौरभ ठाकुर का कबूलनामा, PCCF श्रीनिवास राव की चुप्पी पर उठे सवाल
📍 स्थान: रायपुर / बैकुंठपुर
📝 विशेष रिपोर्ट | इनवेस्टिगेटिव ब्यूरो
🔍 बिना निर्माण हुए निकाली गई 1.38 करोड़ की राशि
तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में हुए बहुचर्चित स्टॉपडेम घोटाले में नया मोड़ सामने आया है। परियोजना संचालक IFS अधिकारी सौरभ ठाकुर ने खुद स्वीकार किया है कि 7 स्टॉपडेम में से केवल 2-3 निर्माणाधीन हैं, और उनमें भी निर्माण कार्य की गुणवत्ता बेहद खराब है। जबकि 5 स्टॉपडेम पर अब तक एक ईंट भी नहीं रखी गई है, फिर भी पूरे 1.38 करोड़ रुपये का भुगतान मार्च एकाउंट में दिखा दिया गया। 1.38 करोड़ का स्टॉपडेम घोटाला
📜 कबूलनामे से पुष्टि हुई शिकायतकर्ता की बात
इस घोटाले की शिकायत अब्दुल सलाम कादरी ने की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि बिना किसी काम के फर्जी बिल-वाउचर बनाकर भुगतान कर दिया गया। अब खुद सौरभ ठाकुर द्वारा PCCF वी. श्रीनिवास राव को दिए गए शोकॉज नोटिस के जवाब में यह बात स्वीकार कर ली गई है। 1.38 करोड़ का स्टॉपडेम घोटाला
🤫 PCCF श्रीनिवास राव की रहस्यमयी चुप्पी
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शिकायत प्रमाणित होने के बाद भी वनबल प्रमुख श्री वी. श्रीनिवास राव ने अब तक—
✔ शासन को कोई रिपोर्ट नहीं भेजी
✔ सौरभ ठाकुर पर विभागीय जांच (DE) शुरू नहीं की
✔ निलंबन की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की
अब सवाल यह उठता है कि क्या श्रीनिवास राव जानबूझकर IFS लॉबी को बचा रहे हैं?
🧾 क्या यह वित्तीय अपराध नहीं?
विशेषज्ञों की मानें तो यह मामला सीधे तौर पर छत्तीसगढ़ वित्तीय नियम 84(1), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988, और गवर्नमेंट वर्क मैनुअल का उल्लंघन है। ऐसे में कार्रवाई क्यों नहीं? 1.38 करोड़ का स्टॉपडेम घोटाला
📸 शिकायतकर्ता के पास हैं सबूत
सूत्रों के मुताबिक शिकायतकर्ता ने ऐसे तारीखवार फोटो व वीडियो जुटा लिए हैं, जो यह साबित करते हैं कि मार्च 2025 तक कोई काम शुरू नहीं हुआ था। इससे यह कोशिश भी नाकाम होती दिख रही है कि जल्दी से निर्माण पूरा करके घोटाले को ढंक दिया जाए। 1.38 करोड़ का स्टॉपडेम घोटाला
🕵️♀️ ACB और EOW की नजर में मामला
मामला अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) तक पहुंच चुका है। प्रारंभिक जांच शुरू हो चुकी है, और सूत्रों के अनुसार, यदि वन विभाग ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो आपराधिक मामला दर्ज हो सकता है।
❗ निष्कर्ष और सवाल
📌 जब खुद आरोपी IFS अधिकारी ने शपथपत्र में घोटाले को स्वीकार कर लिया है, तो अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
📌 क्या पूरे विभाग पर IFS लॉबी का दबाव है?
📌 क्या शासन स्वतः संज्ञान लेगा या भ्रष्टाचारियों को खुली छूट मिलती रहेगी?
🔖 मुख्य बिंदु:
- ₹1.38 करोड़ के स्टॉपडेम घोटाले में बड़ा खुलासा
- 5 में एक भी स्टॉपडेम शुरू नहीं, फिर भी भुगतान
- IFS सौरभ ठाकुर ने खुद किया घोटाले का कबूलनामा
- PCCF श्रीनिवास राव की चुप्पी पर उठे गंभीर सवाल
- ACB और EOW ने शुरू की जांच