88 रुपये में 10 ग्राम सोना, 27 पैसे का पेट्रोल… यकीन नहीं होगा, आजादी के वक्त इतने सस्ते थे दाम!

नई दिल्ली: 88 रुपये में 10 ग्राम सोना, 27 पैसे का पेट्रोल… यकीन नहीं होगा, आजादी के वक्त इतने सस्ते थे दाम!, आज पूरा देश अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के बाद से इन 78 सालों में भारत ने एक लंबी और सफल आर्थिक यात्रा तय की है। आज भारत 4 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। इस शानदार सफर के दौरान देश में बहुत कुछ बदला, खासकर आम जरूरत की चीजों की कीमतों में जमीन-आसमान का अंतर आ गया है।
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि एक दौर ऐसा भी था जब आना, पाई और पैसे जैसे सिक्के चलते थे और उनकी भी बड़ी कीमत हुआ करती थी? आइए, जानते हैं आजादी के उस सुनहरे दौर में चीजों के दाम क्या थे, जिनके बारे में सुनकर आज आप हैरान रह जाएंगे।88 रुपये में 10 ग्राम सोना, 27 पैसे का पेट्रोल
जब ढाई रुपये में मिलता था एक किलो घी
साल 1947 का भारत आज से बिल्कुल अलग था। उस समय महंगाई नाममात्र की थी। आंकड़ों पर नजर डालें तो:
घी: एक किलो शुद्ध घी की कीमत मात्र 2.5 रुपये थी।
दूध: एक लीटर दूध सिर्फ 12 पैसे में मिल जाता था।
आलू: एक किलो आलू खरीदने के लिए सिर्फ 25 पैसे खर्च करने पड़ते थे।
चीनी: एक किलो चीनी का भाव 40 पैसे था।
राशन: एक मध्यमवर्गीय परिवार का महीने भर का घर का राशन सिर्फ 4 से 5 रुपये में आ जाता था।
सोना था कौड़ियों के भाव
आज जहां सोना 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को पार कर रहा है, वहीं 1947 में इसकी कीमत सुनकर आप चौंक जाएंगे। आजादी के समय 10 ग्राम सोने का भाव मात्र 88 रुपये था। उस वक्त सोने की कीमतें ग्लोबल फिक्स्ड गोल्ड स्टैंडर्ड सिस्टम से तय होती थीं, जिस वजह से वे लगभग स्थिर रहती थीं।88 रुपये में 10 ग्राम सोना, 27 पैसे का पेट्रोल
27 पैसे का पेट्रोल और 140 रुपये की हवाई यात्रा
आज पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं, लेकिन 1947 में एक लीटर पेट्रोल की कीमत सिर्फ 27 पैसे थी। यही नहीं, उस दौर में हवाई यात्रा भी बहुत महंगी नहीं थी। तब भारत में एकमात्र एयरलाइन ‘एयर इंडिया’ हुआ करती थी और दिल्ली से मुंबई तक की फ्लाइट का किराया सिर्फ 140 रुपये था।88 रुपये में 10 ग्राम सोना, 27 पैसे का पेट्रोल
आखिर क्यों आसमान पर पहुंचीं कीमतें?
समय के साथ देश की अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी। 1990 के दशक में हुए आर्थिक उदारीकरण, बढ़ती आबादी, वैश्विक मांग और महंगाई जैसे कई कारणों से वस्तुओं की कीमतों में तेज उछाल आया। इसके अलावा, करेंसी के मूल्यांकन और भू-राजनीतिक तनावों ने भी कीमतों को प्रभावित किया। यह बदलाव भारत की आर्थिक प्रगति का एक प्रतीक है, जो हमें याद दिलाता है कि देश ने कितनी लंबी दूरी तय की है।88 रुपये में 10 ग्राम सोना, 27 पैसे का पेट्रोल









