NCG NEWS DESK BIJAPUR :-
छत्तीसगढ़ के बीजापुर से सनसनीखेज मुद्दा सामने आया है। जहां गंगालूर पोटाकेबिन हॉस्टल में रहने वाली 12वीं की छात्रा ने देर रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चे को जन्म दिया है। दरअसल लेबर पेन होने की वजह से छात्रा को हॉस्टल हॉस्पिटल लाया गया था। जहां प्रसव कराया गया। डॉक्टरों ने कहा कि छात्रा और बच्चा दोनों ही सुरक्षित हैं।
जानकारी के अनुसार पोटाकेबिन में छात्रा के गर्भवती होने से लेकर प्रसव तक आने की कोई जानकारी हॉस्टल प्रबंधन या जिला प्रशासन को नहीं थी। जैसे ही डिलीवरी की समाचार ऑफिसरों को लगी शीघ्र में पूरा अमला हॉस्पिटल गंगालूर आ पहुंचा।
देर रात प्रारम्भ हुई प्रसव पीड़ा
जानकारी के अनुसार देर रात आवासीय विद्यालय में नाबालिग छात्रा के पेट में अचानक तेज असहनीय दर्द हुआ था। इसकी जानकारी जैसे ही अन्य बच्चों को लगी, तो उन्होंने ये जानकारी स्टाफ को दी। उपचार के लिए उसे पास के हॉस्पिटल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद लड़की का प्रसव कराया। अभी जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ है।
लापरवाही हुई उजागर
इस मुद्दे में प्रशासन और प्रबंधन की बड़ी ढिलाई यहां हॉस्टलों को लेकर दिखाई पड़ रही है। आख़िर कैसे एक छात्रा हॉस्टल में गर्भावस्था में आठ महीने तक रही और किसी को कोई जानकारी तक नहीं हुई। आसार ये भी जताई जा रही है कि इस मुद्दे में कई अधिकारी और कर्मचारी मिले हुए है।
वहीं जिला शिक्षा अधिकारी और हॉस्टल वार्डन इस मुद्दे में अपना पल्ला झाड़ते पूरा गुनाह छात्रा और उसके प्रेम प्रसंग में अनैतिक संबंधों को दे रहे हैं। छात्रावास की अधीक्षिका का तो ये भी बोलना है कि छात्रा के माता-पिता और एक अज्ञात लड़के के माता-पिता को इस बात की पूरी जानकारी थी। हालांकि छात्रावास अधीक्षिका अंशु मिंज को निलंबित कर दिया गया है। उन्हें कार्य में ढिलाई बरतने के कारण बीजापुर कलेक्टर ने निलंबित किया है।
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