न्यायपालिका पर बड़ा दाग? 15 करोड़ कैश कांड में फंसे जज यशवंत वर्मा पर चलेगा महाभियोग, लोकसभा ने बनाई जांच समिति।

नई दिल्ली: न्यायपालिका पर बड़ा दाग? 15 करोड़ कैश कांड में फंसे जज यशवंत वर्मा पर चलेगा महाभियोग, भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए लोकसभा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा पर महाभियोग चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को सदन में घोषणा की कि जस्टिस वर्मा पर लगे गंभीर आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक समिति का गठन किया गया है।
15 करोड़ की नकदी और कदाचार का आरोप
यह पूरा मामला तब देश भर में सुर्खियों में आया जब कुछ महीने पहले, 14 मार्च को, जस्टिस वर्मा के सरकारी बंगले से 15 करोड़ रुपये की भारी नकदी बरामद हुई थी। इस घटना ने न्यायपालिका की साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। इसके बाद, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने इस मामले का संज्ञान लिया और जस्टिस वर्मा से लिखित जवाब मांगा। जस्टिस वर्मा ने अपने जवाब में सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था।न्यायपालिका पर बड़ा दाग? 15 करोड़ कैश कांड में फंसे जज यशवंत वर्मा पर चलेगा महाभियोग
CJI की जांच से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का सफर
जस्टिस वर्मा के जवाब से असंतुष्ट CJI ने मामले की गहन जांच के लिए तीन सदस्यों का एक आंतरिक पैनल बनाया। इस पैनल ने अपनी जांच में जस्टिस वर्मा को “कदाचार” का दोषी पाया और अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी।न्यायपालिका पर बड़ा दाग? 15 करोड़ कैश कांड में फंसे जज यशवंत वर्मा पर चलेगा महाभियोग
इस आंतरिक रिपोर्ट के आधार पर, तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने केंद्र सरकार से जस्टिस वर्मा को पद से हटाने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने की सिफारिश की थी। जस्टिस वर्मा इस सिफारिश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, लेकिन पिछले हफ्ते सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी, जिससे उनके लिए सारे रास्ते बंद हो गए।न्यायपालिका पर बड़ा दाग? 15 करोड़ कैश कांड में फंसे जज यशवंत वर्मा पर चलेगा महाभियोग
अब लोकसभा की समिति करेगी जांच
सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत न मिलने के बाद अब यह मामला संसद पहुंच गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति अब जस्टिस वर्मा के खिलाफ लगे सभी आरोपों की विस्तार से जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट सदन को सौंपेगी, जिसके आधार पर महाभियोग की आगे की कार्रवाई तय होगी।न्यायपालिका पर बड़ा दाग? 15 करोड़ कैश कांड में फंसे जज यशवंत वर्मा पर चलेगा महाभियोग
कौन हैं जस्टिस यशवंत वर्मा?
जस्टिस वर्मा का जन्म इलाहाबाद में हुआ और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से बी.कॉम और मध्य प्रदेश की रीवा यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल की।
1992 में उन्होंने वकालत शुरू की।
उन्हें 13 अक्टूबर 2014 को इलाहाबाद हाई कोर्ट का अतिरिक्त जज और 2016 में स्थायी जज नियुक्त किया गया।
साल 2021 में उनका तबादला दिल्ली हाई कोर्ट में हुआ, लेकिन बंगले से कैश मिलने के बाद उन्हें वापस इलाहाबाद हाई कोर्ट भेज दिया गया था।









