
रविवि में शिक्षकों की भारी कमी, NSUI ने खोला मोर्चा, दी आंदोलन की चेतावनी
खाली पड़े हैं प्रोफेसरों के पद, छात्रों का भविष्य दांव पर
रायपुर। रविवि में शिक्षकों की भारी कमी, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय (रविवि) में शिक्षकों की कमी का मुद्दा गरमा गया है। छात्रों को हो रही पढ़ाई की समस्या को लेकर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को एनएसयूआई ने कुलसचिव को एक ज्ञापन सौंपकर तत्काल अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति की मांग की है।
कुलसचिव को सौंपा ज्ञापन

एनएसयूआई के वाइस चेयरमैन पुनेश्वर लहरे के नेतृत्व में छात्रों ने कुलसचिव से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में इस बात पर चिंता जताई गई है कि विश्वविद्यालय के कई महत्वपूर्ण विभागों में प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर के पद लंबे समय से खाली पड़े हैं।रविवि में शिक्षकों की भारी कमी
बिना शिक्षक कैसे हो पढ़ाई?
पुनेश्वर लहरे ने बताया कि कई विषयों में तो स्थिति इतनी खराब है कि पूरे सेमेस्टर तक छात्रों को बिना किसी नियमित शिक्षक के ही पढ़ाई पूरी करनी पड़ती है। इसका सीधा असर शिक्षण व्यवस्था पर पड़ रहा है, जिससे न केवल पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, बल्कि परीक्षाएं भी समय पर नहीं हो पा रहीं। यह स्थिति हजारों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।रविवि में शिक्षकों की भारी कमी
मांग पूरी न होने पर होगा आंदोलन

एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से स्पष्ट मांग की है कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए इन सभी रिक्त पदों पर जल्द से जल्द योग्य अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए, ताकि छात्रों को नियमित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।रविवि में शिक्षकों की भारी कमी
संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो वे छात्रों के हक के लिए बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान उत्तर विधानसभा अध्यक्ष अनुज शुक्ला, अंकित बंजारे, मनीष बांधे, हिमांशु तांडी, संस्कार पांडे, आलोक खरे, विनय साहू, और खुशांत मांजरे सहित कई अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।रविवि में शिक्षकों की भारी कमी









