सरकारी लापरवाही की अनोखी मिसाल: बिलासपुर का वेटरनरी कॉलेज 8 साल से बंद, बिना पढ़ाए ही वेतन पर फूंक दिए 9.50 करोड़ रुपए
मान्यता 8 साल पहले हुई रद्द, करोड़ों के उपकरण हो रहे कबाड़, बिल्डिंग भी जर्जर, अब फिर से मान्यता के लिए आवेदन की तैयारी।

बिलासपुर, सरकारी लापरवाही की अनोखी मिसाल: बिलासपुर का वेटरनरी कॉलेज 8 साल से बंद, बिना पढ़ाए ही वेतन पर फूंक दिए 9.50 करोड़ रुपए, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सरकारी उदासीनता और अव्यवस्था का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां स्थित वेटरनरी कॉलेज (पशु चिकित्सा महाविद्यालय) पिछले 8 सालों से बंद पड़ा है, लेकिन इस बंद पड़े संस्थान के नाम पर अब तक स्टाफ के वेतन पर लगभग 9.50 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। हैरानी की बात यह है कि कॉलेज को भारतीय पशु चिकित्सा परिषद (VCI) से मान्यता मिले बिना ही करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए।
एक सत्र के बाद ही लगा ताला
कामधेनु विश्वविद्यालय, अंजोरा (दुर्ग) के अंतर्गत आने वाले इस कॉलेज की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी। उस समय VCI ने इसे एक सत्र के लिए मान्यता दी, जिसके तहत छात्रों का एडमिशन हुआ और फैकल्टी की नियुक्ति भी की गई। लेकिन एक साल बाद ही VCI ने निरीक्षण में फैकल्टी की कमी, अधूरी प्रयोगशालाएं और अव्यवस्थित कैंपस जैसी गंभीर खामियां पाईं और 2018 में मान्यता को रद्द कर दिया। इसके बाद, सत्र के बीच में ही यहां पढ़ रहे सभी छात्रों को दुर्ग के अंजोरा वेटरनरी कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया गया और तब से यह कॉलेज पूरी तरह से बंद है।बिलासपुर का वेटरनरी कॉलेज 8 साल से बंद, बिना पढ़ाए ही वेतन पर फूंक दिए 9.50 करोड़ रुपए
बिना काम के वेतन, सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना
भले ही कॉलेज में पढ़ाई-लिखाई पूरी तरह से ठप हो, लेकिन यहां नियुक्त किए गए कर्मचारियों का वेतन हर महीने जारी होता रहा। सूत्रों के अनुसार, कॉलेज में लगभग 6 शिक्षक और 4 अन्य कर्मचारी नियुक्त हैं, जिनके वेतन पर हर महीने करीब 10 लाख रुपए खर्च होते हैं। इस हिसाब से पिछले 8 वर्षों में यह रकम लगभग 9.50 करोड़ रुपए हो चुकी है। बताया जा रहा है कि यहां नियुक्त स्टाफ को जगदलपुर, महासमुंद और दुर्ग के अन्य कॉलेजों में अटैच किया गया है, लेकिन उनकी मूल नियुक्ति और वेतन का भुगतान बिलासपुर कॉलेज के नाम पर ही हो रहा है।बिलासपुर का वेटरनरी कॉलेज 8 साल से बंद, बिना पढ़ाए ही वेतन पर फूंक दिए 9.50 करोड़ रुपए
करोड़ों के उपकरण बन रहे कबाड़, बिल्डिंग भी जर्जर
कॉलेज शुरू होने पर कक्षाओं और प्रयोगशालाओं के लिए 5 फ्रिज, 20 एसी समेत लाखों के महंगे उपकरण खरीदे गए थे। लेकिन 8 साल से उपयोग न होने और रखरखाव के अभाव में यह सारा कीमती सामान अब कबाड़ में तब्दील हो रहा है। यही हाल कॉलेज की इमारत का है, जहां जगह-जगह सीपेज और फर्श में टूट-फूट हो गई है, जिसकी मरम्मत पर अब फिर से लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।बिलासपुर का वेटरनरी कॉलेज 8 साल से बंद, बिना पढ़ाए ही वेतन पर फूंक दिए 9.50 करोड़ रुपए
अधिकारियों का दावा, फिर से करेंगे प्रयास
मामले पर अधिकारियों का कहना है कि 2018 में VCI द्वारा बताई गई खामियों को अब दूर किया जा रहा है और 80 सीटों की मान्यता के लिए फिर से आवेदन करने की तैयारी है। उनका दावा है कि मान्यता मिलते ही कॉलेज में पढ़ाई फिर से शुरू कर दी जाएगी। बहरहाल, यह मामला सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और निगरानी में गंभीर चूक को उजागर करता है, जहां बिना किसी परिणाम के जनता के करोड़ों रुपए बर्बाद हो गए।बिलासपुर का वेटरनरी कॉलेज 8 साल से बंद, बिना पढ़ाए ही वेतन पर फूंक दिए 9.50 करोड़ रुपए









