रायपुर: छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले (Liquor Scam) के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने कार्रवाई तेज कर दी है। हाल ही में 18 आबकारी अधिकारियों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है। इनमें सारंगढ़ बिलाईगढ़ की जिला आबकारी अधिकारी सोनल नेताम, आबकारी आयुक्त नीतु नेतानी ठाकुर, उपमहाप्रबंधक मंजू श्री कसेर, आयुक्त नवीन प्रताप तोमर, उपायुक्त रामकृष्ण मिश्रा, अरविंद कुमार पाटले, अनिमेष नेताम, जिला आबकारी अधिकारी नितीन खंडूजा (गरियाबंद), जनार्दन कौरव, उपायुक्त नोहर सिंह ठाकुर, जी.पी.एस. दर्दी, जिला आबकारी अधिकारी मोहित कुमार जैसवाल (महासमुंद), प्रमोद कुमार नेताम (गरियाबंद), उपायुक्त विजय सेन शर्मा, उपायुक्त विकास कुमार गोस्वामी, जिला आबकारी अधिकारी इकबाल खान (दंतेवाड़ा), आयुक्त सौरभ बख्सी और दिनकर वासनिक सहित अन्य अधिकारी शामिल हैं। इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध क्रमांक 4/2024 में आरोप लगाए गए हैं और उन्हें जवाब देने के लिए तलब किया गया है। शराब घोटाले में 18 आबकारी अधिकारियों को ACB/EOW का नोटिस, क्या मुख्य सरगनाओं पर भी कसेगा शिकंजा?
सरगनाओं पर कब कसेगा शिकंजा?
इन नोटिस तामील के बाद चर्चा जोरों पर है कि आखिरकार केवल कनिष्ठ अधिकारियों पर ही कार्रवाई क्यों की जा रही है। इस बड़े शराब घोटाले के पीछे जो मुख्य सरगना माने जा रहे हैं, उनपर अब तक सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई है? सूत्रों का कहना है कि इस घोटाले के पीछे कई बड़े अधिकारियों और प्रदेश के तत्कालीन मुखिया का हाथ था, जिन्होंने इसे अंजाम देने में मदद की। आबकारी के 27-28 अधिकारियों को इस घोटाले को छुपाने के लिए निर्देशित किया गया था।
आरोप है कि प्रदेश के तत्कालीन मुखिया और आबकारी विभाग के “किंगपिन” माने जाने वाले वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच एजेंसियों के खिलाफ रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। अब सवाल उठ रहा है कि क्या इन सरगनाओं पर भी शिकंजा कसा जाएगा, या फिर छोटे अधिकारियों को ही दोषी ठहराकर असली घोटालेबाजों को अभयदान दे दिया जाएगा? शराब घोटाले में 18 आबकारी अधिकारियों को ACB/EOW का नोटिस, क्या मुख्य सरगनाओं पर भी कसेगा शिकंजा?