बिलासपुर: केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत हरदी-भटचौरा में 33 करोड़ रुपए के मल्टी विलेज टेंडर को निरस्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई उस कांट्रेक्टर के खिलाफ की गई है, जिसने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के माध्यम से टेंडर हासिल किया था। शिकायत के बाद प्रशासन ने दस्तावेजों की जांच की, और यह मामला खुलकर सामने आया। अब कांट्रेक्टर पर एफआईआर दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पर कार्रवाई: कांट्रेक्टर का 33 करोड़ का टेंडर निरस्त
कैसे हुआ फर्जी प्रमाण पत्र का खुलासा?
कांट्रेक्टर विजय सालुंके ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करके जल जीवन मिशन के तहत मल्टी विलेज योजना का 33 करोड़ रुपए का टेंडर हासिल कर लिया था। शिकायत मिलने के बाद, शासन स्तर पर दस्तावेजों की छानबीन की गई। जांच में यह पता चला कि कांट्रेक्टर द्वारा प्रस्तुत अनुभव प्रमाण पत्र नगरीय निकाय के नाम से जारी किया गया था, लेकिन जब संबंधित निकाय से इस प्रमाण पत्र की पुष्टि की गई, तो वहां से यह जानकारी मिली कि ऐसा कोई प्रमाण पत्र जारी ही नहीं किया गया था। फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पर कार्रवाई: कांट्रेक्टर का 33 करोड़ का टेंडर निरस्त
कांट्रेक्टर को क्यों नहीं मिला संतोषजनक जवाब?
जांच के दौरान कांट्रेक्टर से भी पूछताछ की गई, लेकिन उसने विभागीय उच्चाधिकारियों को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने तुरंत यह टेंडर निरस्त कर दिया। अब कांट्रेक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, ताकि मामले की गहन जांच की जा सके। फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पर कार्रवाई: कांट्रेक्टर का 33 करोड़ का टेंडर निरस्त
जल जीवन मिशन योजना और इसके महत्व पर ध्यान:
जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार का उद्देश्य हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाना है। इस परियोजना के तहत देशभर में विभिन्न स्थानों पर जल आपूर्ति योजनाओं का निर्माण और सुधार किया जा रहा है। ऐसे मामलों में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग परियोजना की प्रगति और लक्ष्य को प्रभावित कर सकता है, जिससे अधिकारियों को सतर्क रहना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पर कार्रवाई: कांट्रेक्टर का 33 करोड़ का टेंडर निरस्त