कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार के मामले पर आसिफ खान की शिकायत पर कार्रवाई शुरू
गोरखपुर: कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में छात्राओं के साथ कथित दुर्व्यवहार और मारपीट के गंभीर मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने संज्ञान लिया है। यह कार्रवाई समाजसेवी और महाराष्ट्र में लीगल एंबिट के अध्यक्ष आसिफ अबिद खान की शिकायत के बाद शुरू की गई है।
शिकायत के अनुसार, विद्यालय की वार्डन पर आरोप है कि उन्होंने छात्राओं को उचित भोजन की मांग करने पर बेरहमी से पीटा। इस घटना के प्रमाण स्वरूप एक वीडियो भी सामने आया है, जिसे बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा सत्यापित किया गया।
आयोग की कार्रवाई:
आयोग ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए गोरखपुर जिलाधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी से कहा गया है कि 10 दिनों के भीतर आयोग को जांच रिपोर्ट (एटीआर) भेजी जाए। साथ ही, यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि सभी छात्राओं की सुरक्षा और शिक्षा में किसी प्रकार की बाधा न आए।
आसिफ खान ने इस घटना को बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए इसे बाल संरक्षण कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन करार दिया। उन्होंने इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
NCPCR के निर्देश:
आयोग ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में छात्राओं को उचित भोजन और देखभाल उपलब्ध कराने की जांच के लिए सख्त कदम उठाने को कहा है। साथ ही, वार्डन के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम, 2015 और आरटीई अधिनियम, 2009 के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
आसिफ खान की भूमिका:
आसिफ खान, जो महाराष्ट्र में लीगल एंबिट के अध्यक्ष और एक सक्रिय बाल अधिकार कार्यकर्ता हैं, ने कहा, “बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। यह घटना बच्चों की सुरक्षा में गंभीर चूक को दर्शाती है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”
निष्कर्ष:
यह मामला एक सकारात्मक उदाहरण है कि कैसे समाज के जिम्मेदार नागरिक और सरकारी संस्थान मिलकर बच्चों के अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं। इस मामले में आसिफ खान की पहल और NCPCR की तत्परता बच्चों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे प्रभावित छात्राओं और उनके परिवारों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
श्रेय
इस का श्रेय लीगल एंबिट और संस्थापकों को जाता है.