केंद्र की नई रोजगार योजना पर ऐक्टू का तीखा प्रहार, कहा- ‘यह रोजगार नहीं, कॉरपोरेट को सब्सिडी देने का खेल है’
रायपुर। केंद्र की नई रोजगार योजना पर ऐक्टू का तीखा प्रहार, ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू), छत्तीसगढ़ ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में स्वीकृत की गई 99,446 करोड़ रुपये की ‘रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन’ (ELI) योजना को सिरे से खारिज कर दिया है। ऐक्टू ने इस योजना को युवाओं के साथ एक धोखा और कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने वाली “भ्रामक योजना” करार दिया है।
“रोजगार के नाम पर जनता के पैसों की बर्बादी”
ऐक्टू के राज्य महासचिव, बृजेंद्र तिवारी ने एक बयान जारी कर कहा कि यह योजना प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) की तर्ज पर बनाई गई एक और स्कीम है, जिसका असली मकसद रोजगार पैदा करना नहीं, बल्कि करदाताओं के पैसे को कॉरपोरेट की तिजोरियों में पहुंचाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस योजना के तहत सरकार कंपनियों को नए कर्मचारियों की भर्ती के लिए सिर्फ चार साल तक सब्सिडी देगी। यह स्थायी और सम्मानजनक रोजगार देने के बजाय, केवल अस्थिर और कम वेतन वाली नौकरियां पैदा करने के लिए कॉरपोरेट को दिया जा रहा एक इनाम है।केंद्र की नई रोजगार योजना पर ऐक्टू का तीखा प्रहार
सरकार का दोहरा मापदंड: कल्याण पर ‘रेवड़ी’, कॉरपोरेट पर ‘सब्सिडी’?
ऐक्टू ने सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब आम जनता के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी जरूरी सुविधाओं पर खर्च करने की बात आती है तो सरकार उसे ‘रेवड़ी’ कहकर उसका मजाक उड़ाती है। लेकिन वही सरकार जब जनता के पैसे को कॉरपोरेट को सब्सिडी के रूप में देती है, तो उसे एक जरूरी कदम बताती है।” संगठन ने इसे सरकार का दोहरा मापदंड करार दिया है।केंद्र की नई रोजगार योजना पर ऐक्टू का तीखा प्रहार
सुझावों को किया दरकिनार, असली समाधान से बच रही सरकार
बृजेंद्र तिवारी ने बताया कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने इस योजना को लेकर अपनी विस्तृत आपत्तियां और वैकल्पिक सुझाव श्रम मंत्री को सौंपे थे। लेकिन सरकार ने उन पर कोई विचार किए बिना ही इस योजना को मंजूरी दे दी। ऐक्टू का मानना है कि रोजगार सृजन का असली समाधान हैं:
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सार्वजनिक क्षेत्र में खाली पड़े लाखों पदों को तत्काल भरना।
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श्रमिकों के वेतन में बढ़ोतरी करना।
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बड़े पैमाने पर चल रही ठेका प्रथा पर लगाम लगाना।
9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान
इस ‘कॉरपोरेट-परस्त’ नीति के विरोध में ऐक्टू ने 9 जुलाई, 2025 को प्रस्तावित आम हड़ताल में ELI और PLI जैसी योजनाओं को रद्द करने की मांग को प्रमुखता से उठाने का ऐलान किया है। संगठन का कहना है कि मजदूर वर्ग इन भ्रामक योजनाओं के खिलाफ सड़क पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कराएगा।केंद्र की नई रोजगार योजना पर ऐक्टू का तीखा प्रहार