16 और अवैध कॉलोनियों पर प्रशासन का हंटर, 30 कॉलोनाइजरों पर होगी FIR

MP News, इंदौर: 16 और अवैध कॉलोनियों पर प्रशासन का हंटर, मध्य प्रदेश के इंदौर में अवैध कॉलोनियों और भू-माफिया के खिलाफ जिला प्रशासन ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने 16 अवैध कॉलोनियां विकसित करने के मामले में 30 कॉलोनाइजरों पर FIR दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं। प्रशासन की यह सख्ती उन लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो बिना अनुमति के जमीन के प्लॉट काटकर बेच रहे हैं।
सुनवाई के बाद जारी हुए FIR के निर्देश
प्रशासन द्वारा अवैध कॉलोनी काटने वालों को लगातार नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया जा रहा है। अपर कलेक्टर गौरव बेनल ने बताया कि इन 16 मामलों में भी संबंधित लोगों को नोटिस दिए गए और उनकी सुनवाई की गई। सुनवाई के बाद यह पाया गया कि उन्होंने अवैध रूप से कॉलोनियां बसाई हैं, जिसके बाद FIR के सख्त निर्देश जारी किए गए।16 और अवैध कॉलोनियों पर प्रशासन का हंटर
11 हेक्टेयर जमीन पर काट दिए 813 अवैध प्लॉट
जांच में सामने आया है कि इन कॉलोनाइजरों ने लगभग 11 हेक्टेयर (करीब 27 एकड़) जमीन पर 813 से ज्यादा अवैध प्लॉट काट दिए थे। यह कार्रवाई इंदौर की विभिन्न तहसीलों में की गई, जिनमें प्रमुख हैं:
देपालपुर: काली बिल्लौद में मुकेश चौधरी (79 प्लॉट), प्रियेश गौतम (259 प्लॉट) और वरदीलाल (64 प्लॉट) समेत अन्य पर कार्रवाई।
मल्हारगंज: छोटा बांगड़दा और कोर्डियाबर्डी में जय अंबे गृह निर्माण संस्था समेत अन्य के खिलाफ निर्देश।
सांवेर: मांगलिया और पीर कराड़िया में अवैध प्लॉटिंग का खुलासा।
राऊ, महू, जूनी इंदौर और बिचौली हप्सी तहसीलों में भी कई कॉलोनाइजरों द्वारा सैकड़ों अवैध प्लॉट काटने की बात सामने आई है।
आदेश जारी, पर FIR नदारद: पुलिस की भूमिका पर सवाल
यह मामला जितना गंभीर है, उतना ही चिंताजनक पुलिस का रवैया भी है। यह पहली बार नहीं है जब प्रशासन ने ऐसे आदेश जारी किए हैं।16 और अवैध कॉलोनियों पर प्रशासन का हंटर
पुराने 57 मामले लंबित: इन 16 नए मामलों से पहले भी प्रशासन 57 अन्य मामलों में अवैध कॉलोनाइजरों पर FIR के निर्देश जारी कर चुका है।
अधिकांश में नहीं हुई FIR: चौंकाने वाली बात यह है कि प्रशासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, अधिकांश पुराने मामलों में अब तक FIR दर्ज नहीं हो सकी है।
प्रशासन के आदेशों पर पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने से इस पूरी मुहिम की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर समय पर FIR दर्ज नहीं होतीं, तो भू-माफिया पर कानूनी शिकंजा कसना मुश्किल हो जाएगा।16 और अवैध कॉलोनियों पर प्रशासन का हंटर









