रायपुर

राजधानी के दिल में 300 करोड़ की जमीन पर चला प्रशासन का डंडा, गॉस मेमोरियल और बाबर बंगला कब्जे में

राजधानी के दिल में 300 करोड़ की जमीन पर चला प्रशासन का डंडा, गॉस मेमोरियल और बाबर बंगला कब्जे में

राजधानी के दिल में 300 करोड़ की जमीन पर चला प्रशासन का डंडा, राजधानी रायपुर के सबसे पॉश इलाके सिविल लाइन्स में स्थित लगभग 300 करोड़ रुपये की बेशकीमती सरकारी जमीन पर प्रशासन ने अपना कब्जा ले लिया है। राजस्व न्यायालय के एक अहम फैसले के बाद, जिला प्रशासन ने सोमवार को राजभवन के पास स्थित गॉस मेमोरियल मैदान, बाबर बंगला समेत कुल 6 एकड़ जमीन को अपने नियंत्रण में ले लिया। लीज खत्म होने के दशकों बाद भी यह जमीन एक ट्रस्ट के कब्जे में थी।

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क्या है पूरा मामला: 100 साल पुरानी लीज खत्म, पर कब्जा जारी

यह बेशकीमती जमीन 1922 में यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन (CNI) को लीज पर दी गई थी। इस लीज की अवधि 2022 में ही समाप्त हो चुकी थी। इसके बावजूद, ट्रस्ट ने जमीन खाली नहीं की और इसका कथित तौर पर व्यावसायिक उपयोग भी किया जा रहा था। इस 6 एकड़ की जमीन में प्रसिद्ध गॉस मेमोरियल खेल मैदान के अलावा बाबर बंगला भी शामिल है, जिसमें कई क्वार्टर बने हुए हैं।राजधानी के दिल में 300 करोड़ की जमीन पर चला प्रशासन का डंडा

लंबी कानूनी लड़ाई और ओपी चौधरी की भूमिका

लीज खत्म होने के बाद भी जमीन पर ट्रस्ट का कब्जा बने रहने के खिलाफ ‘हिन्दू स्वाभिमान संगठन’ ने नजूल कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। संगठन ने जमीन के व्यावसायिक उपयोग पर आपत्ति जताई थी। सूत्रों के अनुसार, तत्कालीन कलेक्टर और वर्तमान मंत्री ओपी चौधरी ने भी अपने कार्यकाल में शिकायत को सही मानते हुए जमीन को शासन के कब्जे में लेने का आदेश दिया था। हालांकि, बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। संगठन द्वारा लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद, राजस्व न्यायालय ने पिछले सप्ताह ट्रस्ट को बेदखल कर जमीन का कब्जा प्रशासन को सौंपने का निर्णायक आदेश दिया।राजधानी के दिल में 300 करोड़ की जमीन पर चला प्रशासन का डंडा

प्रशासन का एक्शन मोड: जमीन पर घेराबंदी, नोटिस चस्पा

न्यायालय का आदेश मिलते ही जिला प्रशासन और नगर निगम का अमला एक्शन मोड में आ गया। सोमवार सुबह 9 बजे से ही जोन 4 कमिश्नर अरुण ध्रुव की टीम ने मौके पर पहुंचकर जमीन की घेराबंदी शुरू कर दी। जमीन को सुरक्षित करने के लिए चारों ओर सीमेंट के पोल लगाकर बाउंड्री बनाई गई और सरकारी संपत्ति होने का नोटिस भी लगा दिया गया। यह कार्रवाई शाम 4 बजे तक चली।राजधानी के दिल में 300 करोड़ की जमीन पर चला प्रशासन का डंडा

आगे क्या? ऑक्सीजोन, खेल मैदान बनाने की मांग, पर किराएदारों का पेंच

अब जब जमीन सरकार के कब्जे में आ गई है, तो हिन्दू स्वाभिमान संगठन ने इसे शहरवासियों के लिए विकसित करने की मांग की है। संगठन ने एक पत्र लिखकर यहां ऑक्सीजोन, खेल मैदान, ओपन एयर थिएटर और फूड कोर्ट जैसी आधुनिक सुविधाएं बनाने का आग्रह किया है। वहीं, विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने जमीन पर मौजूद करीब 30 किराएदारों को तत्काल हटाने की मांग की है। उनका आरोप है कि निगम ने केवल 6 लोगों को नोटिस देकर खानापूर्ति की है, जबकि पूरी 6 एकड़ जमीन को कब्जा-मुक्त किया जाना चाहिए।राजधानी के दिल में 300 करोड़ की जमीन पर चला प्रशासन का डंडा

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