छत्तीसगढ़ में कृषि क्रांति: आधुनिक मशीनों ने बदली किसानों की तकदीर, मेहनत घटी, मुनाफा बढ़ा

छत्तीसगढ़ में कृषि क्रांति: आधुनिक मशीनों ने बदली किसानों की तकदीर, मेहनत घटी, मुनाफा बढ़ा
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सरकारी योजनाओं से मिली ताकत, तकनीक अपनाकर किसान बन रहे आत्मनिर्भर
रायपुर: आधुनिक मशीनों ने बदली किसानों की तकदीर, छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी की पारंपरिक तस्वीर अब तेजी से बदल रही है। राज्य सरकार की किसान-हितैषी नीतियों और कृषि में मशीनीकरण (मैकेनाइजेशन) को बढ़ावा देने से न सिर्फ खेती आसान हुई है, बल्कि यह किसानों के लिए पहले से कहीं ज्यादा फायदेमंद सौदा भी साबित हो रही है। आधुनिक कृषि यंत्र आज किसानों के सबसे बड़े मददगार बनकर उभरे हैं, जो उनकी मेहनत और समय बचाने के साथ-साथ बंपर पैदावार सुनिश्चित कर रहे हैं।
सरकारी अनुदान ने आसान की राह
राज्य सरकार की “कृषि यांत्रिकीकरण सब-मिशन योजना” इस बदलाव की एक बड़ी वजह है। इस योजना के तहत किसानों को आधुनिक कृषि उपकरण खरीदने के लिए बड़े पैमाने पर सब्सिडी दी जा रही है। इसका एक बेहतरीन उदाहरण राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव ब्लॉक के ग्राम केसला के किसान चोहलदास साहू हैं। उन्हें धान रोपाई के लिए पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन खरीदने के लिए सरकार से 4 लाख 10 हजार रुपये का अनुदान मिला।आधुनिक मशीनों ने बदली किसानों की तकदीर,
एक मशीन, फायदे अनेक
किसान चोहलदास साहू बताते हैं कि इस मशीन की कुल कीमत 9 लाख रुपये है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा सरकार ने वहन किया। इस पैडी ट्रांसप्लांटर ने उनके लिए धान की रोपाई का काम बेहद तेज, सटीक और आसान बना दिया है।
समय और श्रम की बचत: यह मशीन एक दिन में अकेले 4 एकड़ खेत में रोपाई का काम पूरा कर सकती है।
कम लागत, बेहतर फसल: मशीन से रोपाई करने पर पौधों के बीच एक समान दूरी बनी रहती है, जिससे फसल में बीमारियां कम लगती हैं और पौधों का विकास भी बेहतर होता है। इससे मजदूरों पर निर्भरता घटी है और खेती की लागत में भी कमी आई है।
बढ़ा हुआ उत्पादन: इस तकनीक से खेती करने पर प्रति एकड़ 31 क्विंटल तक धान का उत्पादन हो रहा है।
खेती के साथ-साथ अतिरिक्त कमाई का जरिया
चोहलदास साहू अब अपनी खेती करने के साथ-साथ इस मशीन को किराए पर देकर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि दूसरे किसानों के खेतों में रोपाई करके उन्होंने लगभग 1 लाख 20 हजार रुपये की अतिरिक्त कमाई की है। वह प्रति एकड़ रोपाई के लिए 3,500 रुपये का शुल्क लेते हैं।आधुनिक मशीनों ने बदली किसानों की तकदीर,
आधुनिक खेती की ओर बढ़ते किसान
यह योजना सिर्फ पैडी ट्रांसप्लांटर तक ही सीमित नहीं है। इसके तहत किसानों को ट्रैक्टर, थ्रेसर, हार्वेस्टर, ड्रोन, स्प्रेयर, सीड ड्रिल और मल्चर जैसे कई आधुनिक उपकरण सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अकेले राजनांदगांव जिले में ही वित्तीय वर्ष 2024-25 में किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए 3.31 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। इन योजनाओं की बदौलत आज प्रदेश का किसान परंपरागत खेती से आगे बढ़कर तकनीक आधारित आधुनिक खेती को अपना रहा है, जिससे उसकी आय बढ़ रही है और जीवन सरल हो रहा है।आधुनिक मशीनों ने बदली किसानों की तकदीर,









