माइक्रोसॉफ्ट ने Artificial Intelligence-जनरेटेड से भारत के चुनाव में क्या खतरे बताए?
भाषणों को रियल टाइम में कन्नड़, तमिल, तेलुगू, मलयालम, बंगाली, उड़िया, पंजाबी, मराठी में अनुवाद पर काम शुरू
इमरान खान की वर्चुअल रैली को 50 लाख लोगों ने देखा था
भारत, अमेरिका, इंडोनेशिया और मैक्सिको में चुनावों को प्रभावित करेगा AI
NCG News desk Delhi:-
पाकिस्तान में इमरान खान ने जेल में रहते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जनरेटेड आवाज में भाषण दिया। इस भाषण को 50 लाख लोगों ने सुना। साउथ एशिया में ऐसा पहली बार हुआ जब AI जनरेटेड स्पीच को इतने लाख लोगों ने सुना और वे हैरान रह गए कि आखिर ऐसा कैसे हुआ?
साल 2016 में दुनिया छोड़ चुकी AIADMK सुप्रीमो जयललिता इस साल फरवरी में पार्टी नेता पलानीस्वामी के समर्थन में ऑडियो क्लिप के जरिए संदेश देतीं सुनी गईं। DMK प्रमुख रहे करुणानिधि ने भी जनवरी में अपने अंदाज में ऐसा ही संदेश पार्टी सम्मेलन में दिया, जबकि 2018 में करुणानिधि का निधन हो चुका है। लेकिन इतने साल बाद उनके सच्चे लगने वाले AI वीडियो को देख समर्थक हैरान थे। दुनिया के बड़े विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ‘The Age of AI has begun’ और एआई को इंटरनेट और मोबाइल क्रांति से ज्यादा बड़ी क्रांति माना जा रहा है।
चुनाव में कैसे काम करेगा AI
भारत का 2024 का लोकसभा चुनाव में अब तक न कहीं झंडे,पोस्टर और बैनर नजर आए हैं और न ही कहीं बहुत विशाल पैमाने पर किसी राजनीतिक सभा और रैली की झलक देखने को मिली है। इस चुनाव में AI को बड़ा खिलाड़ी बनाया गया है, जो चुनावों को प्रभावित करेगा। इसके लिए दलों ने ऐसे AI जनरेटेड प्लान बनाए हैं, जिसमें किसी भी राजनेता और उम्मीदवार की आवाज को क्लोन किया जा सकता है। उनके चेहरों का इस्तेमाल कर हूबहू असली दिखने वाला वीडियो बनाए जा सकते हैं।
बता दें कि जेनरेटिव AI बहुत कम समय में वोटर्स पर आसानी से असर डालने की क्षमता रखता है। बीते साल एमपी विधानसभा के चुनाव में AI एडिटेड वीडियोज ने चुनावी राजनीति को किस तरह से प्रभावित किया था, यह सबके सामने है। एक बडा वर्ग व्हाट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम की रील्स, शॉर्टस और डीप फेक वीडियो देखकर अपनी धारणा बना रहा है।
AI और राजनीतिक दलों की तैयारी
सत्ता पक्ष BJP से लेकर कांग्रेस तक अपनी प्रचार की रणनीति में एआई का इस्तेमाल कर इसका फायदा उठाने के लिए काम कर रही हैं। बीजेपी इस काम में कुछ आगे है। पीएम नरेंद्र मोदी के भाषणों के रियल टाइम में कन्नड़, तमिल, तेलुगू, मलयालम, बंगाली, उड़िया, पंजाबी और मराठी में अनुवाद पर काम शुरू भी हो गया है। कांग्रेस और दूसरे दल भी बड़े पैमाने पर AI का सहारा लेकर लोकसभा चुनाव में भुनाने की तैयारी में है।
चुनावों को कैसे प्रभावित करेगा AI
पिछले दिनों जेल में रहते हुए पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने अपनी बात 50 लाख लोगों तक पहुंचा दी थी। जिस दक्षिण राज्य में नेताओं को उनके समर्थक भगवान मानते हैं, वहां कई साल पहले दुनिया छोड़ चुकी AIADMK सुप्रीमो जयललिता की आवाज सुनना आम लोगों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। जयललिता की आवाज का क्लोन बनाकर पलानीस्वामी के समर्थन में ऑडियो क्लिप जारी किया गया, जिससे लोग बेहद प्रभावित हुए। DMK प्रमुख रहे करुणानिधि के क्लोन भाषण ने लोगों के दिल जीत लिए।
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इसी तरह लोकसभा में बीजेपी अपने युग पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी की क्लोन आवाज और विजुअल्स इस्तेमाल कर सकती है। कांग्रेस नेहरू और इंदिरा गांधी को फिर से जिंदा कर लोगों के सामने ला सकती है। कुछ इसी तरह के प्लान पर दोनों पार्टियों की आईटी सेल काम भी कर रही हैं। अपने आदर्श नेताओं के एआई जनरेटेड वॉयस क्लोन और विजुअल्स देख सुनकर व्यापक पैमाने पर लोग अपने मत बना सकते हैं, इसमें कोई शक नहीं है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश के लोकसभा चुनावों में AI एक नई ताकत बनकर उभर रही है।
असली है या फर्जी
एआई की मदद से बनाए गए कंटेट से मतदाताओं में हमेशा शंका बनी रहती है, वे तय ही नहीं कर पाते है कि जो वे देख या सुन रहे हैं, वो असली है या फर्जी। मसलन, पाकिस्तान में इमरान खान आम चुनाव में प्रत्याशी नहीं थे, लेकिन वे अपनी पार्टी के लिए प्रचार कर रहे थे। ऐसे में आम मतदाता के लिए ये तय करना मुश्किल था कि ये सामग्री खुद इमरान खान ने उपलब्ध करवाई है या नहीं। ज्यादातर मतदाता भ्रामक जानकारी और वास्तविक सूचना में फर्क नहीं कर पाते हैं। इससे साफ है कि चुनाव प्रभावित हो सकते हैं।
क्या किया था इमरान खान ने
पाकिस्तान में 17 दिसंबर 2023 को इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तेहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) ने स्ट्रीमयार्ड का इस्तेमाल कर वर्चुअल रैली की थी। इस रैली को 50 लाख लोगों ने देखा। इमरान खान का ऑडियो क्लिप बनाने के लिए AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया। इसे वर्चुअल रैलियों में चलाया गया। चार मिनट लंबे भाषण में उनके पुराने भाषणों की क्लिप, वीडियो मोंटाज और हाथ से लिखे नोट्स दिखाए गए, जो इमरान खान ने जेल से अपनी टीम को भेजे।
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जिस तरह से भारत में आम चुनाव अति महत्वकांक्षी होता नजर आ रहा है, ऐसे में इस तरह से एआई के गलत इस्तेमाल की आशंका बनी हुई है। सोशल मीडिया में बनाए जा रहे राजनीतिक पार्टियों के मीम्स, वीडियो, सटायर आदि का फ्लो बढ़ गया है, इनमें से ज्यादातर एआई बेस्ड हैं,जिन्हें देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार चुनावों में एआई की मदद से चुनावों में बड़े वर्ग को प्रभावित करने की कोशिश की जाएगी।
AI के चुनावी खतरें
AI: चीन से भारत के चुनाव को खतरा: हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट ने चेतावनी दी है कि चीन Artificial Intelligence-जनरेटेड कंटेट का उपयोग करके भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया में आगामी चुनावों पर प्रभाव डाल सकता है। यह चेतावनी तब आई है जब चीन ने ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान नतीजों को प्रभावित करने के लिए एआई का प्रयोग कर परीक्षण किया था। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि ताइवान के चुनाव के दौरान बीजिंग समर्थित एक समूह, जिसे स्टॉर्म 1376 या स्पैमौफ्लेज के नाम से जाना जाता है, विशेष रूप से सक्रिय था। इस समूह ने नकली ऑडियो समर्थन और मीम्स सहित एआई का प्रयोग कर सामग्री प्रसारित की। जिसका उद्देश्य कुछ उम्मीदवारों को बदनाम करना और मतदाताओं की धारणाओं को प्रभावित करना था।