AI से बदलेगी भारत की कबाड़ अर्थव्यवस्था, स्क्रैपकार्ट स्टार्टअप 18 अरब डॉलर के बाजार में लाएगा क्रांति

AI से बदलेगी भारत की कबाड़ अर्थव्यवस्था, स्क्रैपकार्ट स्टार्टअप 18 अरब डॉलर के बाजार में लाएगा क्रांति
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कचरा बनेगा सोना: AI-पावर्ड प्लेटफॉर्म से स्क्रैप मैनेजमेंट होगा आसान और पारदर्शी
स्क्रैपकार्ट स्टार्टअप 18 अरब डॉलर के बाजार में लाएगा क्रांति, जयपुर। भारत के विशाल और असंगठित स्क्रैप बाजार को बदलने के लिए एक AI-संचालित प्लेटफॉर्म ‘स्क्रैपकार्ट’ सामने आया है। यह स्मार्ट तकनीक उद्योगों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs), छोटे और मझोले उद्यमों (SMEs) और रिसाइकलर्स को उनके कचरे के प्रबंधन का एक जिम्मेदार और फायदेमंद तरीका प्रदान कर रही है। स्क्रैपकार्ट का लक्ष्य भारत की 18 अरब डॉलर की अपशिष्ट अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता और दक्षता लाना है।
क्या है स्क्रैपकार्ट और यह कैसे काम करता है?
स्क्रैपकार्ट औद्योगिक स्क्रैप के व्यापार के लिए भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित बाज़ार है। यह प्लेटफॉर्म स्क्रैप की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बना देता है। इसकी मदद से कंपनियां अपने स्क्रैप के लिए रियल-टाइम बोली लगा सकती हैं, जिससे उन्हें सर्वोत्तम मूल्य मिलता है। यह प्लेटफॉर्म मूल्य में पारदर्शिता, आसान कागजी कार्रवाई, स्क्रैप की मात्रा और गुणवत्ता की गारंटी के साथ-साथ मजबूत ESG (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) अनुपालन सुनिश्चित करता है।स्क्रैपकार्ट स्टार्टअप 18 अरब डॉलर के बाजार में लाएगा क्रांति
स्क्रैपकार्ट के संस्थापक विनीत रेलिया के अनुसार, “भारतीय स्क्रैप इकोसिस्टम बहुत बड़ा है, लेकिन इसमें डिजिटलीकरण की भारी कमी है। हम स्क्रैपकार्ट के जरिए लौह, अलौह और ई-कचरे जैसे औद्योगिक स्क्रैप के लिए एक ऐसा समाधान बना रहे हैं, जो मौजूदा बाधाओं को दूर करता है और जिम्मेदारी से की जाने वाली रीसाइक्लिंग को लाभदायक बनाता है।”स्क्रैपकार्ट स्टार्टअप 18 अरब डॉलर के बाजार में लाएगा क्रांति
भारत का विशाल स्क्रैप बाजार और उसकी चुनौतियां
भारत में हर साल 6.2 करोड़ टन से अधिक कचरा पैदा होता है, जिससे देश का स्क्रैप बाजार 18 अरब डॉलर का एक विशाल उद्योग बन गया है। इसके बावजूद, यह क्षेत्र काफी हद तक असंगठित है। यहां बिचौलियों का वर्चस्व, विश्वास की कमी, लॉजिस्टिक्स की समस्याएं और नियमों के अनुपालन की चिंताएं आम हैं। बाजार में स्क्रैप की कीमतें भी रोज बदलती हैं, जिससे कंपनियों के लिए बिना जोखिम के काम करना मुश्किल हो जाता है। स्क्रैपकार्ट इन्हीं अनिश्चितताओं को खत्म कर इस प्रक्रिया में एक संरचना और सुरक्षा प्रदान करता है।स्क्रैपकार्ट स्टार्टअप 18 अरब डॉलर के बाजार में लाएगा क्रांति
स्क्रैपकार्ट की AI-संचालित प्रक्रिया की मुख्य विशेषताएं:
बिचौलियों की छुट्टी: यह प्लेटफॉर्म स्क्रैप खरीदने और बेचने की पारंपरिक प्रक्रिया को डिजिटल बनाकर बिचौलियों को खत्म करता है, जिससे चोरी और मूल्य में होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है।
AI से सटीक अनुमान: स्क्रैपकार्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके स्क्रैप की मात्रा, गुणवत्ता और कीमत का सटीक अनुमान लगाता है।
डिजिटल ट्रेसबिलिटी: जीपीएस ट्रैकिंग और डिजिटल वेट स्लिप के जरिए हर लेन-देन का ऑटोमेटिक दस्तावेजीकरण सुनिश्चित किया जाता है, जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रहती है।
सुरक्षित भुगतान प्रणाली: एस्क्रो पेमेंट और डिजिटल कॉन्ट्रैक्ट के माध्यम से हर सौदा सुरक्षित और पेपरलेस होता है, जिससे भुगतान की प्रक्रिया विश्वसनीय बनती है।
ESG और नियामक अनुपालन: यह प्लेटफॉर्म डिजिटल ऑडिट और रिपोर्टिंग टूल की मदद से कंपनियों को स्थिरता लक्ष्यों और सरकारी नियमों का पालन करने में सहायता करता है।
स्क्रैपकार्ट का यह प्लेटफॉर्म केंद्र सरकार के ‘स्वच्छ भारत’ और ‘विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (EPR)’ जैसे राष्ट्रीय अभियानों के उद्देश्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाता है, जो देश में एक चक्रीय अर्थव्यवस्था (Circular Economy) को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।स्क्रैपकार्ट स्टार्टअप 18 अरब डॉलर के बाजार में लाएगा क्रांति









