एम्स रायपुर ने रचा इतिहास: छत्तीसगढ़ में पहला स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट कर बना सरकारी क्षेत्र का अग्रणी अस्पताल
🔴 अब राज्य में बढ़ेगा अंग प्रत्यारोपण का दायरा, 15% तक बढ़ सकती है ट्रांसप्लांट की संख्या
रायपुर। छत्तीसगढ़ के लिए गौरवपूर्ण क्षण है! एम्स रायपुर ने प्रदेश के पहले स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Paired Donation – KPD) को सफलतापूर्वक अंजाम देकर नया कीर्तिमान रच दिया है। यह उपलब्धि एम्स रायपुर को राज्य का पहला ऐसा सरकारी अस्पताल बनाती है, जिसने इस जटिल चिकित्सा प्रक्रिया को सफलता के साथ पूरा किया।छत्तीसगढ़ में पहला स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट कर बना सरकारी क्षेत्र का अग्रणी अस्पताल
✅ क्या होता है स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट?
स्वैप ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया में दो मरीजों के परिवारों में दाता होते हैं, लेकिन रक्त समूह की असंगति के कारण सीधा दान संभव नहीं होता। ऐसे में एक दाता, दूसरे मरीज को किडनी दान करता है और बदले में दूसरे परिवार का दाता पहले मरीज को। इस “एक्सचेंज ट्रांसप्लांट” के जरिए दोनों मरीजों को जीवनदान मिलता है। छत्तीसगढ़ में पहला स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट कर बना सरकारी क्षेत्र का अग्रणी अस्पताल
📌 एम्स रायपुर की बड़ी उपलब्धियां
- एम्स रायपुर छत्तीसगढ़ का पहला सरकारी अस्पताल बना जिसने सफल स्वैप ट्रांसप्लांट किया।
- यह नया एम्स संस्थानों में ऐसा करने वाला देश का पहला संस्थान है।
- ट्रांसप्लांट की यह प्रक्रिया 15 मार्च 2025 को दो ESRD रोगियों पर की गई थी।
- दोनों मरीज पिछले तीन वर्षों से डायलिसिस पर थे।
- रक्त समूह असंगति के बावजूद, टीम ने स्वैप व्यवस्था कर ट्रांसप्लांट को सफल बनाया।
👩⚕️ विशेषज्ञों की टीम और समर्पण
इस ऐतिहासिक सर्जरी को अंजाम देने में जिन विशेषज्ञों की प्रमुख भूमिका रही:
- डॉ. विनय राठौर (ट्रांसप्लांट फिजीशियन)
- डॉ. अमित आर. शर्मा, डॉ. दीपक बिस्वाल, डॉ. सत्यदेव शर्मा (ट्रांसप्लांट सर्जन)
- एनेस्थीसिया टीम, ओटी स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ ने भी अहम योगदान दिया।
📈 अंग प्रत्यारोपण को मिलेगा नया आयाम
स्वास्थ्य मंत्रालय और NOTTO द्वारा अब ‘One Nation One Swap Transplant Program’ को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इस पहल से देशभर में अंग प्रत्यारोपण की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि की उम्मीद है।छत्तीसगढ़ में पहला स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट कर बना सरकारी क्षेत्र का अग्रणी अस्पताल
📊 एम्स रायपुर की ट्रांसप्लांट उपलब्धियां
- अब तक 54 सफल किडनी ट्रांसप्लांट, जिसमें मृत एवं जीवित दोनों दाता शामिल
- 95% ग्राफ्ट उत्तरजीविता दर और 97% रोगी उत्तरजीविता दर
- एम्स रायपुर बाल चिकित्सा मृतक दाता ट्रांसप्लांट शुरू करने वाला पहला संस्थान
📣 यह सिर्फ शुरुआत है…
एम्स रायपुर की यह पहल राज्य में अंग दान संस्कृति को भी मजबूती देगी और अंततः जीवन बचाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम सिद्ध होगी। छत्तीसगढ़ में पहला स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट कर बना सरकारी क्षेत्र का अग्रणी अस्पताल
- एम्स रायपुर ने छत्तीसगढ़ का पहला स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट किया
- दो ESRD मरीजों का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट
- 15% तक ट्रांसप्लांट में बढ़ोतरी की संभावना
- राज्य में अंग दान को मिलेगा नया बल