अंबिकापुर (निडर छत्तीसगढ़ प्रतिनिधि)। सरगुजा पुलिस के द्वारा एक फर्जी महिला एमबीबीएस चिकित्सक का पर्दाफाश किया गया है। वर्षा वानखेड़े नाम की युवती, डा खुशबू साहू के एमबीबीएस सर्टिफिकेट सहित अन्य दस्तावेज चोरी कर अंबिकापुर के होलीक्रास हास्पिटल में एमबीबीएस चिकित्सक की नौकरी कर रही थी। मामले का खुलासा होने के बाद अब वह अपने आप को बीएएमएस चिकित्सक बता रही है लेकिन उसके इस दावे पर भी पुलिस को संदेह है। कथित चिकित्सक को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ करनी शुरू कर दी है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक लखनपुर निवासी डॉ खुशबू साहू पति अंकुर गुप्ता वर्तमान मे लहपटरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक के पद पर कार्यरत हैं। गत मार्च सन् 2021 में वह एमएमआई हॉस्पिटल रायपुर में चिकित्सक के पद पर ज्वाइन करने के लिए अपने सम्पूर्ण शैक्षणिक दस्तावेज( जिसमे एमबीबीएस डिग्री भी शामिल थी) के प्रमाण पत्र के साथ गई थी। वहीं से उसके सारे दस्तावेज चोरी हो गए थे। घटना की रिपोर्ट थाना टिकरापारा रायपुर में दर्ज कराई गई थी। सीसी कैमरों की जांच में चेहरा बांधे एक महिला दस्तावेज लेकर जाते भी दिखी थी लेकिन उसकी पहचान सुनिश्चित नहीं हो सकी थी। इसी दौरान डा खुशबू साहू को, जानकारी मिली कि उनके नाम के एमबीबीएस डिग्री के आधार पर एक युवती अंबिकापुर के होलीक्रास अस्पताल में नौकरी कर रही है।
पुख्ता सबूत एकत्र करने के बाद उन्होंने पुलिस अधिकारियों को इसकी सूचना दी, दूसरे के नाम पर नौकरी को पुलिस ने गंभीरता से लिया।
बताया जा रहा है कि इसकी जानकारी फर्जी महिला चिकित्सक को पहले ही मिल गई थी। वह भागने के फिराक मे थी। उसके भागने से पहले ही पुलिस टीम ने घेराबंदी कर उस महिला को पकड़ लिया। महिला का नाम वर्षा वानखेड़े पति रवि बोकडे (27) है। वह मूलतः तिल्दा मोरेंगा थाना खरोरा रायपुर की रहने वाली है। वर्तमान में वह गांधीनगर अंबिकापुर में निवास कर रही थी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला ने बताया कि मामला सामने आने के बाद महिला खुद को बीएएमएस चिकित्सक बता रही है। लेकिन उसके इस दावे पर भी संदेह है। मामले में अग्रिम विवेचना एवं पूछताछ की जा रही हैं।
कार्यवाही में ये रहे शामिल
मामले में थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक राजेश सिंह, थाना प्रभारी गांधीनगर निरीक्षक जॉन प्रदीप लकड़ा,सहायक उप निरीक्षक मनोज सिंह, अभिषेक पाण्डेय, महिला प्रधान आरक्षक वीणा रानी तिर्की शामिल रहे।
डेढ़ वर्ष से निजी अस्पताल में कर रही थी नौकरी
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला ने बताया कि एमबीबीएस चिकित्सक चोरी गए दस्तावेज से वर्षा वानखेड़े डेढ़ वर्ष से अंबिकापुर के हालीक्रॉस अस्पताल में नौकरी कर रही थी। स्वास्थ्य सेवाओं में फर्जीवाड़ा के इस गंभीर मामले में अस्पताल प्रबंधन द्वारा भी खुद को चिकित्सक बताने वाली महिला के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच कराई गई थी या नहीं यह बिंदु भी पुलिस की विवेचना में शामिल है। दूसरे के दस्तावेज से खुद को एमबीबीएस बताकर नौकरी करने वाली महिला के चिकित्सकीय ज्ञान पर भी बड़ा सवाल उठता है? अभी तक वह मरीजों का उपचार किस प्रकार करती होगी! इसे आसानी से समझ से परे है? महिला चिकित्सक के नाम के दस्तावेज एवं सर्टिफिकेट के फर्जी उपयोग की लिखित शिकायत पर तत्काल करवाई कर पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश किया है। जांच में और कुछ नए तथ्य सामने आने की संभावना है।