भारत में एंटी पेपर लीक कानून लागू, 10 साल की कैद के साथ 1 करोड़ रुपये तक जुर्माने का प्रावधान
देश में एंटी-पेपर लीक कानून यानी पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 लागू हो गया है। NEET और UGC-NET जैसी परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायतों के बीच केंद्र ने शुक्रवार-शनिवार (21-22 जून) की आधी रात इसकी अधिसूचना जारी कर दी। भारत सरकार ने सार्वजनिक परीक्षाओं में पेपर लीक और धोखाधड़ी से निपटने के लिए सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 पेश किया है। कानून में अपराधियों के लिए कारावास और भारी जुर्माने सहित सख्त दंड का प्रावधान हैl
पेपर लीक जैसे अपराधों से निपटने के लिए सरकार ने शुक्रवार (21 जून) आधी रात को देश में एंटी पेपर लीक कानून (Centre notifies Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Act, 2024 लागू किया। देश में चल रहे नीट यूजी विवाद के बाद इस कानून को लागू किया गया है। आइए समझते हैं यह कानून क्या है और किन परीक्षाओं पर लागू होता है।
भर्ती परीक्षाओं में नकल और अन्य गड़बड़ियां रोकने और उनसे निपटने के लिए अब तक केद्र सरकार और जांच एजेंसियों के पास कोई ठोस कानून नहीं था। इसी कारण अक्सर पेपर लीक की घटनाएं होती रहती हैं। हाल ही में नीट परीक्षा को लेकर विवाद चल रहा है और यूजीसी नेट परीक्षा को आयोजित होने के एक दिन बाद ही रद्द कर दिया गया। इसके बाद, कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने 21 जून की रात इस कानून की अधिसूचना जारी की।
10 साल की कैद से लेकर 1 करोड़ जुर्माना तक का प्रावधान
इस कानून के तहत, पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम तीन साल जेल की सजा मिलेगी। इसे ₹10 लाख तक के जुर्माने के साथ पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।
परीक्षा से जुड़ी गड़बड़ी में किसी सरकारी अधिकारी के शामिल पाए जाने पर उसे कम से कम तीन साल की सजा मिलेगी। यह 10 साल तक बढ़ सकती है। इसके अलावा ₹1 करोड़ का जुर्माना भी हो सकता है।
पेपर लीक या अनुचित साधनों के इस्तेमाल पर…?
इस कानून के तहत, पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल जेल की सजा होगी। इसे 10 लाख तक के जुर्माने के साथ 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में भारतीय न्याय संहिता, 2023 के प्रावधानों के अनुसार कारावास की अतिरिक्त सजा दी जाएगी।
सर्विस प्रोवाइडर के दोषी होने पर लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना
परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सर्विस प्रोवाइडर अगर दोषी होता है तो उस पर 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना होगा। सर्विस प्रोवाइडर अवैध गतिविधियों में शामिल है, तो उससे परीक्षा की लागत वसूली जाएगी। साथ ही, सेवा प्रदाता को 4 साल की अवधि के लिए किसी भी सार्वजनिक परीक्षा के संचालन की जिम्मेदारी से भी रोका जा सकता है।
यदि कोई संस्था संगठित अपराध करने में शामिल है, तो उसकी संपत्ति कुर्की और जब्ती के अधीन होगी और परीक्षा की आनुपातिक लागत भी उससे वसूली जाएगी।
अधिकारी दोषी पाए जाने पर प्रावधान
यदि अपराध किसी निदेशक, वरिष्ठ प्रबंधन या सेवा प्रदाता फर्म के प्रभारी व्यक्तियों की सहमति या मिलीभगत से किया गया है, तो उन्हें तीन से 10 वर्षों की जेल और एक करोड़ रुपये जुर्माना से दण्डित किया जा सकता है।
12 फरवरी को मिली थी कानून को मंजूरी
पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, इसी साल 6 फरवरी को लोकसभा और 9 फरवरी को राज्यसभा से पारित हुआ था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा 12 फरवरी को बिल को मंजूरी देकर इसे कानून में बदल दिया गया था।
इस कानून में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB), बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की परीक्षाएं शामिल होंगी। केंद्र के सभी मंत्रालयों, विभागों की भर्ती परीक्षाएं भी इस कानून के दायरे में होंगी। इसके तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे।
ये भी पढ़े :-
- 3 नए आपराधिक कानूनों पर सुनवाई करने से SC का इनकार, कहा- लापरवाह तरीके से दायर की गई याचिका
- Laws: इस दिन से लागू होंगे देश में नए आपराधिक कानून, जानें नए अधिनियम की अहम बातें
- केंद्र सरकार द्वारा लाये गये तीन नये अपराधिक कानून तथा आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर जन घोषणापत्र विषयों पर राज्यस्तरीय संगोष्ठी
- अब बाहरी व्यक्ति नहीं खरीद पाएंगे जमीन, नए साल पर भू-कानून को लेकर बड़ा फैसला,जमीन खरीदी पर लगी रोक
- सड़क पर अगर ट्रैफिक पुलिस छीन ले आपकी गाड़ी की चाबी, तो जानिए क्या है कानून
- Right to Information deny : RTI कानून पर मंडरा रहे है काले बादल ; कैसे सशक्त करने वाले इस कानून पर चली कैची