लीगल एम्बिट के महाराष्ट्र अध्यक्ष और विखरोली आरटीआई ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट एसोसिएशन के प्रचार प्रमुख आसिफ खान ने मुंबई पुलिस के लोक सूचना अधिकारी (पीआईओ) और प्रथम अपीलीय प्राधिकारी (एफएए) को उनके आरटीआई प्रश्नों का उत्तर न देने पर कानूनी नोटिस भेजा है। आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगने के बावजूद, आसिफ खान ने पुलिस विभाग की तरफ से प्राप्त हुए जवाबों पर असंतोष व्यक्त किया है।
आसिफ खान ने आरटीआई के तहत पासपोर्ट सत्यापन में हो रही देरी और विभिन्न शिकायतों के निपटान की जानकारी मांगी थी। लेकिन, अधिकारियों ने स्पष्ट और संपूर्ण जानकारी देने के बजाय आधे-अधूरे जवाब दिए और मामले को टालते रहे। इसके अलावा, एक नए चलन के तहत, ऑनलाइन दायर किए गए आरटीआई आवेदनों को ऑफलाइन मोड में बदल दिया जा रहा है, जिससे आवेदकों को एसीपी के कार्यालय जाकर अपनी जानकारी प्राप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
आसिफ खान ने इस चलन की जांच के लिए एक और आरटीआई दायर की, जिसमें यह जानने की कोशिश की कि पिछले तीन वर्षों में कितने आरटीआई आवेदनों को ऑनलाइन से ऑफलाइन मोड में बदला गया है। इस पर भी उन्हें अस्पष्ट और टालमटोल जवाब मिले। आसिफ खान ने इसे आरटीआई अधिनियम के खिलाफ करार देते हुए कहा कि निर्धारित समय सीमा में आरटीआई का निपटान न करना और स्पष्ट उत्तर न देना गलत है और इसे नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता।
लगातार ईमेल और अनुरोधों के बावजूद, जब 45 दिनों के भीतर उनकी ऑनलाइन आरटीआई का समाधान नहीं हुआ, तो अंततः उन्हें कानूनी नोटिस जारी करना पड़ा। एडवोकेट तृप्ति जाम्भुलकर ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों को कानूनी नोटिस भेजा, जिसमें सात दिनों के भीतर पूरी जानकारी प्रदान करने की मांग की गई है। आसिफ खान ने उम्मीद जताई है कि आरटीआई अधिनियम का पालन करते हुए उन्हें समय पर उचित उत्तर मिल जाएगा और आगे की कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।