बिलासपुर: सरकारी आयुर्वेद अस्पताल में रिश्वतखोरी का मामला
रायपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सरकंडा स्थित सरकारी आयुर्वेद अस्पताल के डॉक्टर बृजेश सिंह पर इलाज के नाम पर 3 हजार रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आयुष विभाग ने डॉक्टर बृजेश सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।सरकारी अस्पताल के डॉक्टर पर रिश्वत का आरोप, आयुष विभाग ने जारी किया कारण बताओ नोटिस.
वीडियो में डॉक्टर और सहयोगी पर रिश्वत मांगने का आरोप
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में डॉक्टर बृजेश सिंह और उनके सहयोगी (ड्रेसर) को एक मरीज से इलाज के बाद 3 हजार रुपये मांगते हुए देखा जा सकता है। यह घटना विभाग द्वारा गंभीरता से ली गई है और डॉक्टर को नोटिस जारी किया गया है।आयुष विभाग ने जारी किया कारण बताओ नोटिस.
नोटिस में अनुशासनहीनता का उल्लेख
आयुष विभाग ने नोटिस में कहा है कि सरकारी आयुर्वेद अस्पताल में आने वाले मरीजों को निःशुल्क इलाज और औषधि प्रदान करने का प्रावधान है। डॉक्टर द्वारा पैसे मांगना अनुशासनहीनता, कदाचरण और घोर लापरवाही का प्रदर्शन है, जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3 (1) (एक), (दो), (तीन) एवं 3-क (ग) का उल्लंघन करता है।आयुष विभाग ने जारी किया कारण बताओ नोटिस.
जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश
डॉ. बृजेश सिंह को नोटिस प्राप्ति के 7 दिनों के भीतर तथ्यात्मक जवाब में आवश्यक दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। समय सीमा पर या समाधान कारक जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी उनकी होगी।आयुष विभाग ने जारी किया कारण बताओ नोटिस.
यह घटना सरकारी अस्पतालों में पारदर्शिता और नैतिकता की महत्ता को दर्शाती है। आयुष विभाग द्वारा त्वरित कार्रवाई और डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी करने से यह संदेश जाता है कि सरकारी सेवाओं में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब देखना होगा कि डॉक्टर बृजेश सिंह इस मामले में क्या स्पष्टीकरण देते हैं और विभाग की आगे की कार्रवाई क्या होती है।आयुष विभाग ने जारी किया कारण बताओ नोटिस.