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बालोद: सोती हुई मासूम बच्ची को उठाकर ले गया दरिंदा, दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की कठोर सजा

बालोद: सोती हुई मासूम बच्ची को उठाकर ले गया दरिंदा, दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की कठोर सजा

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 सोती हुई मासूम बच्ची को उठाकर ले गया दरिंदा, छत्तीसगढ़ के बालोद जिले की एक विशेष अदालत ने एक मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) कृष्ण कुमार सूर्यवंशी की अदालत ने आरोपी यशवंत कुमार भुआर्य को 20 साल के कठोर सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपी पर 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

मां ने खाट से उठाते देखा, फिर जंगल से आई रोने की आवाज

विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) बसंत कुमार देशमुख ने बताया कि यह दिल दहला देने वाली घटना 31 दिसंबर, 2023 की है। पीड़िता की मां ने 8 जनवरी, 2024 को मंगचुवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि घटना वाले दिन सुबह करीब 10 बजे उसकी मासूम बेटी कमरे में खाट पर सो रही थी। उसी समय पड़ोसी आरोपी यशवंत आया और सोती हुई बच्ची को उठाकर ले जाने लगा। सोती हुई मासूम बच्ची को उठाकर ले गया दरिंदा

जब मां ने उसे यह कहकर रोका कि बच्ची सो रही है, उसे मत उठाओ, तो आरोपी ने अनसुना कर दिया और बच्ची को लेकर चला गया। परिवार के एक और सदस्य ने भी उसे मना किया, लेकिन वह नहीं माना। सोती हुई मासूम बच्ची को उठाकर ले गया दरिंदा

जंगल में ले जाकर किया घिनौना काम

कुछ देर बाद जब मां अपने काम से घर के बाहर निकली, तो उसे पास की बाड़ी से लगे जंगल से अपनी बेटी के रोने की आवाज सुनाई दी। जब वह दौड़कर वहां पहुंची, तो उसने देखा कि आरोपी ने उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया था। इस घिनौनी वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी बच्ची को वापस कमरे में सुलाकर मौके से फरार हो गया। सोती हुई मासूम बच्ची को उठाकर ले गया दरिंदा

पॉक्सो एक्ट के तहत त्वरित कार्रवाई और फैसला

पति को घटना की जानकारी देने के बाद, पीड़िता की मां ने थाने में लिखित शिकायत दी। मंगचुवा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 4(2) के तहत तुरंत अपराध दर्ज किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए उप-निरीक्षक उमा ठाकुर और प्रदीप कुमार कंवर ने तेजी से विवेचना पूरी की और 28 फरवरी, 2024 को कोर्ट में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। त्वरित सुनवाई के बाद, कोर्ट ने आरोपी को दोषी पाते हुए यह कठोर सजा सुनाई, ताकि समाज में एक कड़ा संदेश जा सके। सोती हुई मासूम बच्ची को उठाकर ले गया दरिंदा

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