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सावधान! एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड रखा तो हो सकती है जेल, जानें सरेंडर करने का आसान तरीका

सावधान! एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड रखा तो हो सकती है जेल, जानें सरेंडर करने का आसान तरीका

नई दिल्ली: सावधान! एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड रखा तो हो सकती है जेल, क्या आप जानते हैं कि एक से ज़्यादा वोटर आईडी कार्ड रखना आपको जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा सकता है? भारत के प्रत्येक 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक को वोट देने का अधिकार है और इसके लिए वोटर आईडी कार्ड एक अनिवार्य दस्तावेज है। लेकिन कई बार लोग अनजाने में या नौकरी-शादी के कारण जगह बदलने पर दूसरा कार्ड बनवा लेते हैं। अगर आपके पास भी एक से अधिक वोटर कार्ड हैं, तो यह खबर आपके लिए है।

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अक्सर क्यों बन जाते हैं दो वोटर आईडी कार्ड?

आमतौर पर यह गलती तब होती है, जब कोई व्यक्ति पढ़ाई, नौकरी या शादी के बाद एक शहर से दूसरे शहर में शिफ्ट होता है। नए पते पर वह नए वोटर आईडी के लिए आवेदन कर देता है, लेकिन पुराने पते वाले कार्ड को रद्द करवाना भूल जाता है। कुछ लोग जानबूझकर भी ऐसा करते हैं, जो कि एक गंभीर अपराध है।सावधान! एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड रखा तो हो सकती है जेल

क्या कहता है भारत का कानून?

भारत का चुनाव कानून “एक व्यक्ति, एक वोट, एक वोटर आईडी” के सिद्धांत पर काम करता है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of the People Act), 1950 की धारा 17 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में अपना नाम दर्ज नहीं करा सकता।सावधान! एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड रखा तो हो सकती है जेल

  • अपराध: जानबूझकर गलत जानकारी देकर या तथ्यों को छिपाकर दूसरा वोटर आईडी कार्ड बनवाना एक दंडनीय अपराध है। इसके लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 31 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।

कितनी है सज़ा? हो सकती है एक साल की जेल!

अगर जांच में यह साबित हो जाता है कि किसी व्यक्ति ने जानबूझकर दो वोटर आईडी कार्ड बनवाए हैं, तो इसे धोखाधड़ी माना जाता है।सावधान! एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड रखा तो हो सकती है जेल

  • सजा का प्रावधान: दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को 1 साल तक की जेल या जुर्माना, या फिर दोनों की सजा हो सकती है। चुनाव आयोग ऐसी शिकायतों पर सख्ती से कार्रवाई करता है और नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया जाता है।

गलती हो गई है? घबराएं नहीं, यह है समाधान

अगर आपसे अनजाने में यह गलती हुई है, तो घबराने की कोई बात नहीं है। आप आसानी से एक वोटर आईडी कार्ड को सरेंडर कर सकते हैं।सावधान! एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड रखा तो हो सकती है जेल

  1. फॉर्म 7 भरें: आपको अपने पुराने या गैर-जरूरी वोटर आईडी को रद्द कराने के लिए फॉर्म 7 भरना होगा।

  2. कैसे करें आवेदन: यह फॉर्म आपको चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट (voters.eci.gov.in) पर ऑनलाइन मिल जाएगा। आप इसे भरकर ऑनलाइन जमा कर सकते हैं या फिर अपने क्षेत्र के बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) या निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) के पास ऑफलाइन भी जमा कर सकते हैं।

  3. जानकारी दें: फॉर्म में आपको उस वोटर आईडी की जानकारी देनी होगी, जिसे आप रद्द करवाना चाहते हैं। प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपका नाम उस वोटर लिस्ट से हटा दिया जाएगा।

कैसे रोक रहा है चुनाव आयोग इस फर्जीवाड़े को?

इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए चुनाव आयोग अब तकनीक का सहारा ले रहा है। वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करने का अभियान इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। आधार लिंकिंग से एक ही व्यक्ति के नाम पर बने कई वोटर कार्ड आसानी से पकड़ में आ जाते हैं, जिससे मतदाता सूची को और भी ज्यादा पारदर्शी और साफ-सुथरा बनाया जा रहा है।सावधान! एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड रखा तो हो सकती है जेल

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