भाटापारा यातायात विभाग पर अवैध वसूली के आरोप, टोकन सिस्टम बना विवाद का कारण
बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के भाटापारा यातायात विभाग की एक नई गतिविधि को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यातायात पुलिस मालवाहक वाहनों से अवैध वसूली कर रही है।भाटापारा यातायात विभाग पर अवैध वसूली के आरोप
यातायात विभाग पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप
🔹 भाटापारा में ट्रैफिक पुलिस द्वारा शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई आम है, लेकिन अब उनके खिलाफ अवैध वसूली के आरोप लग रहे हैं।
🔹 सूत्रों के मुताबिक, विभाग ने “टोकन सिस्टम” लागू किया है, जिसके तहत शहर में बार-बार आने-जाने वाले मालवाहक वाहनों से एक निश्चित शुल्क लिया जा रहा है।
🔹 बड़े वाहनों से ₹600 और छोटे वाहनों से ₹300 मासिक शुल्क लेकर टोकन जारी किया जा रहा है।
🔹 अगर कोई चालक यह टोकन नहीं खरीदता, तो उसे चालान का डर दिखाकर जबरन पैसे वसूले जाते हैं।
क्या वाकई टोकन सिस्टम अवैध वसूली है?
🚛 स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पूरी व्यवस्था ट्रैफिक पुलिस की मिलीभगत से की जा रही है और यह “अवैध वसूली” का नया तरीका बन गई है।
🚛 यह स्पष्ट नहीं है कि यह टोकन प्रणाली सरकारी आदेश के तहत चलाई जा रही है या सिर्फ वाहन चालकों से पैसे लेने के लिए बनाई गई है।
🚛 अधिकांश वाहन मालिक इसे गैरकानूनी बताते हुए इसकी जांच की मांग कर रहे हैं।
पुलिस प्रशासन ने दिया जांच का आश्वासन
👮 इस मामले पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हेम सागर सिदार ने कहा कि उनके संज्ञान में यह शिकायत आई है और इसकी जांच करवाई जाएगी।
👮 अगर कोई भी अधिकारी अवैध वसूली में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ट्रैफिक पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
⚠ इस घटना के बाद भाटापारा ट्रैफिक पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
⚠ अगर इस टोकन सिस्टम के नाम पर अवैध वसूली हो रही है, तो यह एक गंभीर मामला है।
⚠ स्थानीय प्रशासन को इसे लेकर पारदर्शिता लानी होगी, ताकि वाहन चालकों के साथ कोई अन्याय न हो।
🚔 क्या पुलिस विभाग इस मामले में निष्पक्ष जांच करेगा, या फिर यह मामला भी अन्य शिकायतों की तरह दबा दिया जाएगा? यह देखने वाली बात होगी।