एक तरफ जहां केंद्र की मोदी सरकार काले धन को पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसी के चलते हाल ही में उन्होंने अपने 2000 के नोटों को चलन से हटा लिया था।
Mystery of 500 Rupess missing Notes: एक तरफ जहां केंद्र की मोदी सरकार काले धन को पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। जिसके चलते हाल ही में उन्होंने अपने 2000 के नोटों को चलन से हटा लिया था। लेकिन इसी दौरान महाराष्ट्र ने नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रिंटिंग प्रेस में छपे 500 रुपये के नए अरबों रुपये के नोट गायब हो गए हैं।
महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि 2016 में नोट फैक्ट्री नासिक, देवास और बेंगलुरु में छपे अरबों रुपये की कीमत के 500 रुपये के नोट गायब हो गए हैं।
रहस्यमयी तरीके से गायब हुए 500 के नोट
बता दें कि The Free Press Journal में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, रहस्यमय ढंग से गायब हुए 1,760.65 मिलियन 500 रुपये के नोट कहां है, जिसमें अप्रैल 2015 से मार्च 2016 तक नासिक मिंट में छपे 210 मिलियन नोट शामिल है। गायब हुए नोटों की कीमत 88, 032.5 करोड़ रुपये है। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक के प्रवक्ता ने रिजर्व बैंक वॉल्ट से गायब होने वाले नोटों पर टिप्पणी करने से मना कर दिया है।
RTI में हुआ बड़ा खुलासा
RTI Surgical : RTI एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय द्वारा सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, नासिक करेंसी नोट प्रेस द्वारा 375.450 मिलियन नए डिजाइन के 500 रुपये के नोटों की मुद्रण की गई, लेकिन रिजर्व बैंक के रिकॉर्ड में केवल 345.000 मिलियन नोट मिले हैं, जो अप्रैल 2015 से दिसंबर 2016 तक मुद्रित हुए थे। पिछले महीने एक अन्य आरटीआई के उत्तर में, नासिक करेंसी नोट प्रेस ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-2016 (अप्रैल 2015-मार्च 2016) के लिए 210 मिलियन रुपये के 500 नोट आरबीआई को आपूर्ति किए गए थे, जब रघुराम राजन भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर थे।
कहां गए 500 रुपये के नोट?
नासिक करेंसी नोट प्रेस की रिपोर्ट में दिखाया गया है कि नए डिजाइन के 500 रुपये के नोट भारतीय रिजर्व बैंक को दिए गए हैं, लेकिन इसका उल्लेख रिजर्व बैंक द्वारा अपने वार्षिक रिपोर्ट में नहीं किया गया है। नासिक करेंसी नोट प्रेस द्वारा दी गई जानकारी में दिखाया गया है कि 2016-2017 में भारतीय रिजर्व बैंक को 1,662.000 मिलियन नए डिजाइन के 500 रुपये के नोट आपूर्ति किए गए थे।
RBI को नहीं मिले नोट
RTI से मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (पी) लिमिटेड, बेंगलुरु, ने 2016-2017 में भारतीय रिजर्व बैंक को 5,195.65 मिलियन रुपये के 500 नोट आपूर्ति की थी और बैंक प्रेस नोट देवास, ने 1,953 मिलियन रुपये के 500 नोट आपूर्ति की थी, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने तीन मिंटों से केवल 7,260 मिलियन नए डिजाइन वाले 500 रुपये के नोट प्राप्त हुए है। इसमें मेल नहीं मिल रहा है, क्योंकि तीन मिंटों ने कुल मिलाकर 8,810.65 मिलियन नए डिजाइन वाले 500 रुपये के नोटों की छपाई की गई थी, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक को केवल 7,260 मिलियन नोट मिले हैं।
भारत में कहां छपता है नोट
भारत में अधिकृत नोट की छपाई केवल तीन जगहों पर होती हैं- जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (पी) लिमिटेड बेंगलुरु, करेंसी नोट प्रेस नासिक, और बैंक नोट प्रेस देवास मुद्रित करता है और उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक वॉल्ट में भेजता है।
इतने नोट गायब होना मजाक नहीं
आरटीआई एक्टिविस्ट ने कहा कि यह हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था और उसकी स्थिरता के बारे में सुरक्षा व्यवस्था में सवालिया निशान उठाता है। ये कोई मजाक नहीं है कि नोटों की इतनी बड़ी संख्या में हेर फेर हो जाए। अब इसके लिए RTI कार्यकर्ता ने इस बारे में केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो और ED को तीन मिंटों में मुद्रित करोड़ों में उच्च मूल्य की मुद्रा नोटों में अनियमितताओं की जांच करने के लिए कहा है।
महाराष्ट्र नेता प्रतिपक्ष ने उठाई मांग
वहीं महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने करेंसी प्रिंटिंग प्रेस में हजारों करोड़ के घोटाले का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि 2016 में नोट फैक्ट्रियों में 88 हजार करोड़ के नोट छापे गए लेकिन यह नोट सरकार के खजाने में नहीं पहुंचा है। उन्होंने यह आरोप एक अखबार के हवाले से लगाया है। अजित पवार ने यह भी मांग की है कि आरबीआई को इस पर सफाई देनी चाहिए।