रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक गंभीर मुद्दा सामने आया है जिसमें टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष की पत्नी श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा की स्कूल शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्ति का मामला उजागर हुआ है। जांच में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं और फर्जी दस्तावेजों का खुलासा हुआ है।टीचर्स एसोसिएशन अध्यक्ष की पत्नी की फर्जी नियुक्ति पर बड़ा खुलासा
फर्जी नियुक्ति और स्थानांतरण आदेश
- फर्जी नियुक्ति आदेश: श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा ने 12वीं कक्षा में केवल 43% अंक प्राप्त करने के बावजूद फर्जी नियुक्ति आदेश और स्थानांतरण आदेश तैयार किया। उन्होंने जनपद पंचायत बिल्हा में कार्यभार ग्रहण करने का दावा किया, जबकि उनका वास्तविक आदेश नगर पंचायत पत्थलगांव से जारी नहीं हुआ था।टीचर्स एसोसिएशन अध्यक्ष की पत्नी की फर्जी नियुक्ति पर बड़ा खुलासा
- स्थानांतरण आदेश में धांधली: श्रीमती शर्मा ने शासकीय प्राथमिक शाला दर्रापारा (उरांवपारा) में नियुक्ति का फर्जी आदेश तैयार किया। वास्तविक आदेश क्रमांक 229 नीलम टोप्पो का था, जिनका 12वीं में प्रतिशत 65% था। श्रीमती शर्मा ने इस आदेश की कॉपी का उपयोग करके अपना फर्जी आदेश तैयार किया।टीचर्स एसोसिएशन अध्यक्ष की पत्नी की फर्जी नियुक्ति पर बड़ा खुलासा
फर्जी दस्तावेज और अनियमितताएं
- फर्जी आदेश की जांच: विभागीय जांच में पाया गया कि श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा ने कभी शासकीय प्राथमिक शाला दर्रापारा में कार्यभार ग्रहण नहीं किया। स्कूल की प्रधान पाठक ने शपथ पत्र देकर पुष्टि की कि श्रीमती शर्मा ने उनके स्कूल में कभी काम नहीं किया।
- सर्विस बुक और वेतन प्रमाणपत्र: जांच में यह भी पता चला कि श्रीमती शर्मा के पास अपनी नियुक्ति से संबंधित कोई स्पष्ट दस्तावेज नहीं है। उनकी सर्विस बुक में नीलम टोप्पो के आदेश क्रमांक की जानकारी पाई गई, जो यह सिद्ध करता है कि फर्जीवाड़ा किया गया है।
विभागीय कार्रवाई और रिपोर्ट
- नगर पंचायत की पुष्टि: नगर पंचायत पत्थलगांव ने भी लिखकर दिया कि श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा की नियुक्ति से संबंधित कोई दस्तावेज उनके कार्यालय में उपलब्ध नहीं है।
- फर्जी सर्विस बुक: श्रीमती शर्मा ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए और विभाग को जमा किए। जांच में यह भी सामने आया कि एक ही कर्मचारी के लिए दो-दो जगह से सर्विस बुक और अंतिम वेतन प्रमाण पत्र पेश किए गए, जिससे फर्जीवाड़ा स्पष्ट होता है।
- जांच रिपोर्ट: सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेज और जांच रिपोर्ट ने नियुक्ति को फर्जी साबित किया है। जेडी सरगुजा और जेडी बिलासपुर द्वारा बनाई गई जांच कमेटी ने भी इस फर्जीवाड़े की पुष्टि की है। बावजूद इसके, जेडी बिलासपुर द्वारा रिपोर्ट राज्य कार्यालय को नहीं भेजी जा रही है और श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा को बचाने की कोशिश की जा रही है।
इस फर्जी नियुक्ति मामले ने छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। अब देखना होगा कि संबंधित अधिकारियों द्वारा इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है और आरोपी को उचित सजा मिलती है या नहीं।टीचर्स एसोसिएशन अध्यक्ष की पत्नी की फर्जी नियुक्ति पर बड़ा खुलासा