धान खरीदी में बड़ा घोटाला: आरोपी गिरफ्तार, 74 लाख से ज्यादा की हेराफेरी का मामला
📍 राजादेवरी: छत्तीसगढ़ के धान उपार्जन केंद्र रिकोकला में बड़े पैमाने पर धान खरीदी घोटाले का खुलासा हुआ है। आरोपी अमृतलाल पटेल और उसके साथी ने रजिस्टर में हेरफेर कर 74 लाख से अधिक का धान गायब कर दिया। इस गड़बड़ी की पुष्टि के बाद पुलिस ने अमृतलाल पटेल को गिरफ्तार कर लिया है।धान खरीदी में बड़ा घोटाला
रजिस्टर में गड़बड़ी से हुआ घोटाले का खुलासा
➡ जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा बया के माधव लाल नायक ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि धान खरीदी में गड़बड़ी हुई है।
➡ एसडीएम गिरोधपुरी और तहसीलदार सोनाखान की जांच में पाया गया कि धान खरीदी रजिस्टर, आवक-जावक रजिस्टर में छेड़छाड़ कर फर्जी रिकॉर्ड तैयार किया गया।
➡ समिति के रिकॉर्ड के अनुसार:
✅ कुल 16,064 बोरी धान (6425.60 क्विंटल) स्टॉक में दिखाया गया था।
✅ लेकिन जब गिनती कराई गई, तो केवल 10,093 बोरी (4037.20 क्विंटल) ही पाई गई।
✅ यानी 5,971 बोरी (2388.40 क्विंटल) धान गायब था, जिसकी कीमत ₹74,04,040 आंकी गई।
कैसे हुआ 74 लाख से ज्यादा का फर्जीवाड़ा?
📌 आरोपी अमृतलाल पटेल और उसके साथी ने जानबूझकर धान के स्टॉक में हेरफेर किया।
📌 असली रिकॉर्ड को बदलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और उन्हें असल रिकॉर्ड की तरह पेश किया गया।
📌 अतिरिक्त आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए कूट रचना कर फर्जी आंकड़े तैयार किए गए।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई, आरोपी गिरफ्तार
➡ रिपोर्ट के आधार पर थाना राजादेवरी में अपराध दर्ज किया गया।
➡ आरोपी अमृतलाल पटेल को पुलिस ने हिरासत में लिया और पूछताछ में उसने धोखाधड़ी करने की बात स्वीकार की।
➡ आरोपी ने बताया कि उसने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर यह घोटाला किया।
➡ पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 316(5), 3(5), 336(2), 336(3), 340(2), 318(2), 238 बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
अगला कदम: आरोपी को कोर्ट में किया जाएगा पेश
🛑 आरोपी अमृतलाल पटेल (32 वर्ष), निवासी ग्राम रंगोरा चौकी बया, थाना राजादेवरी को 1 मार्च 2025 को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
🛑 पुलिस अब घोटाले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है और इस पूरे मामले की गहन जांच जारी है।
धान खरीदी घोटाले से जुड़े बड़े सवाल:
❓ क्या इस घोटाले में और भी अधिकारी या कर्मचारी शामिल हैं?
❓ क्या यह मामला सिर्फ एक उपार्जन केंद्र तक सीमित है या किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा है?
❓ प्रशासन ऐसे घोटालों को रोकने के लिए क्या कदम उठाएगा?
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में भ्रष्टाचार का यह कोई पहला मामला नहीं है, लेकिन 74 लाख रुपए की इस हेरफेर ने फिर से प्रणाली में पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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