बिलासपुर रेल हादसे पर बड़ा अपडेट: लोको पायलट की गलती से हुआ भीषण हादसा!
जांच में सामने आई चौंकाने वाली वजह, 2011 के दर्दनाक हादसे की यादें ताजा

बिलासपुर: बिलासपुर रेल हादसे पर बड़ा अपडेट: लोको पायलट की गलती से हुआ भीषण हादसा! बिलासपुर में हुए दर्दनाक रेल हादसे ने एक बार फिर कई परिवारों को जिंदगी भर का दुख दे दिया है। इस हादसे में जहां कई जिंदगियां काल के गाल में समा गईं, वहीं 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। प्रारंभिक जांच में अब इस भीषण दुर्घटना की मुख्य वजह सामने आ गई है, जो लोको पायलट की एक गंभीर गलती की ओर इशारा कर रही है।
लोको पायलट ने तोड़ा रेड सिग्नल
भीषण रेल हादसे के बाद हुई शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि कोरबा मेमू लोकल ट्रेन के लोको पायलट ने निर्धारित रेड सिग्नल को पार कर दिया था। ट्रेन सामने खड़ी मालगाड़ी के पिछले हिस्से से जा टकराई, जिससे यह भयानक दुर्घटना हुई। यह एक गंभीर मानवीय भूल मानी जा रही है, जिसने इतनी बड़ी त्रासदी को जन्म दिया।बिलासपुर रेल हादसे पर बड़ा अपडेट
कवच प्रणाली की कमी
इस घटना ने एक और अहम सवाल खड़ा कर दिया है: क्या कोरबा मेमू ट्रेन में ‘कवच’ प्रणाली स्थापित थी? बताया जा रहा है कि इस ट्रेन में रक्षा कवच सिस्टम नहीं था। ‘कवच’ प्रणाली एक अत्याधुनिक सुरक्षा तंत्र है, जो ड्राइवर द्वारा स्पीड कंट्रोल करने या ब्रेक लगाने में चूक होने पर खुद से ट्रेन को नियंत्रित करती है, जिससे ऐसे हादसों को टाला जा सकता है। इस प्रणाली की अनुपस्थिति ने दुर्घटना की गंभीरता को और बढ़ा दिया होगा।बिलासपुर रेल हादसे पर बड़ा अपडेट
टक्कर इतनी जोरदार, इंजन और गार्ड केबिन चकनाचूर
टक्कर इतनी भीषण थी कि मेमू ट्रेन के इंजन ने मालगाड़ी के गार्ड केबिन को पूरी तरह चकनाचूर कर दिया और दो वैगनों पर चढ़ गया। दुर्घटना की सूचना मिलते ही रेलवे और जिला प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। बचाव दल को गैस कटर का इस्तेमाल कर बोगियों को काटना पड़ा ताकि फंसे हुए यात्रियों के शवों और घायलों को बाहर निकाला जा सके। अधिकारियों के अनुसार, इस हादसे में 11 लोगों की मौत हुई है और 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं।बिलासपुर रेल हादसे पर बड़ा अपडेट
कई ट्रेनें हुईं लेट
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद रेलवे यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई ट्रेनों को देरी से रवाना किया गया, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। कोरबा-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस 5 घंटे, गेवरा रोड-नेताजी सुभाषचंद्र बोस एक्सप्रेस 3 घंटे 30 मिनट और बिलासपुर-टाटानगर एक्सप्रेस 3 घंटे की देरी से चलीं।बिलासपुर रेल हादसे पर बड़ा अपडेट
2011 के दर्दनाक हादसे की यादें ताजा
इस हादसे ने लोगों के जहन में 13 साल पहले, अक्टूबर 2011 में तारबाहर रेलवे फाटक पर हुए एक और दर्दनाक हादसे की यादें ताजा कर दी हैं। उस समय एक के बाद एक तीन ट्रेनों की चपेट में आने से 18 लोगों की मौत हो गई थी और 15 घायल हुए थे। बिलासपुर का यह नया रेल हादसा सुरक्षा उपायों पर फिर से विचार करने और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर देता है।बिलासपुर रेल हादसे पर बड़ा अपडेट
रेलवे प्रशासन ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी गलतियों को दोहराया न जा सके।बिलासपुर रेल हादसे पर बड़ा अपडेट









