
छुरा/गरियाबंद: हमारे गुरुजी को वापस लाओ! “जब तक हमारे शिक्षक वापस नहीं आएंगे, तब तक स्कूल पर ताला लगा रहेगा!” यह नारा आज विकासखंड छुरा के घटकर्रा हाईस्कूल में गूंज रहा था, जहां अपने पसंदीदा संस्कृत शिक्षक के तबादले से नाराज छात्रों ने स्कूल के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर दी और जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
क्यों भड़के छात्र?
पूरा मामला हाईस्कूल के संस्कृत शिक्षक ओमप्रकाश साहू के तबादले से जुड़ा है। छात्रों और स्थानीय लोगों के अनुसार, ओमप्रकाश साहू न केवल एक अनुभवी बल्कि बेहद समर्पित शिक्षक हैं, जिनकी पढ़ाने की शैली और सरल व्यवहार ने उन्हें छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया है। हाल ही में, शिक्षा विभाग की “युक्तियुक्तकरण” नीति के तहत उनका तबादला मैनपुर ब्लॉक के तेलखुटी स्कूल में कर दिया गया।हमारे गुरुजी को वापस लाओ!
छात्रों का आरोप है कि इस तबादले से उनकी पढ़ाई सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है और वे अपने सबसे अच्छे शिक्षक को खोना नहीं चाहते।हमारे गुरुजी को वापस लाओ!
चेतावनी के बाद भी नहीं जागा प्रशासन
यह छात्रों का पहला कदम नहीं था। इससे पहले, 7 अगस्त को छात्रों ने एकजुट होकर कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें उन्होंने शिक्षक ओमप्रकाश साहू को वापस घटकर्रा हाईस्कूल में पदस्थ करने की मांग की थी। लेकिन जब एक हफ्ते तक प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो छात्रों का सब्र टूट गया और उन्होंने स्कूल बंद कर विरोध प्रदर्शन का रास्ता अपनाया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग जल्द पूरी नहीं हुई, तो वे इस आंदोलन को और भी उग्र रूप देंगे।हमारे गुरुजी को वापस लाओ!
प्रशासन का तर्क: ‘स्कूल में शिक्षक पर्याप्त हैं’
मामले पर खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) किशुन मतावले ने एक अलग ही पक्ष रखा। उन्होंने बताया, “हमने ताला खुलवा दिया है। मौके पर नायब तहसीलदार भी मौजूद थे। पालकों और छात्रों की मांग जायज नहीं है। शासन के सेटअप के अनुसार, स्कूल में पहले से ही पर्याप्त संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद हैं।”हमारे गुरुजी को वापस लाओ!
इस प्रशासनिक तर्क और छात्रों की भावनाओं के बीच, घटकर्रा हाईस्कूल में शिक्षा का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। एक तरफ छात्र अपने “गुरुजी” को वापस लाने के लिए अड़े हैं, तो दूसरी तरफ प्रशासन नियमों का हवाला देकर इस मांग को खारिज कर रहा है।हमारे गुरुजी को वापस लाओ!









