BSP हाउस लीज विवाद: कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव की ‘राजनीतिक मौकापरस्ती’ पर उठे सवाल, जनआंदोलन ने पकड़ी रफ्तार!

? BSP हाउस लीज विवाद: कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव की ‘राजनीतिक मौकापरस्ती’ पर उठे सवाल, जनआंदोलन ने पकड़ी रफ्तार!
✍️ बीएसपी कर्मियों के परिवारों की भावनाओं से खिलवाड़ का आरोप, भिलाई में कानूनी संघर्ष शुरू
भिलाई। वर्षों से लंबित बीएसपी हाउस लीज मुद्दा अब एक बार फिर गरमा गया है।
इस बार मामला सिर्फ कागज़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि जनता ने कानूनी रास्ता अपनाकर आंदोलन की शुरुआत कर दी है।
आरोप है कि कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव ने चुनावी फायदे के लिए इस गंभीर मुद्दे को झूठे वादों और भ्रमित जानकारी के सहारे भुनाया, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कार्य नहीं किया गया। BSP हाउस लीज विवाद
? क्या है पूरा मामला? जानिए बीएसपी हाउस लीज विवाद की पृष्ठभूमि
- बीएसपी हाउस लीज लंबे समय से भिलाई के कर्मचारियों और उनके परिवारों की भावनाओं से जुड़ा संवेदनशील मुद्दा रहा है।
- चुनाव के दौरान देवेंद्र यादव ने दावा किया कि रजिस्ट्री के बाद मकानों पर मालिकाना हक मिल जाएगा।
- लेकिन हकीकत यह है कि रजिस्ट्री करवाने वाले अधिकांश लोगों को आज तक कोई वैधानिक मालिकाना अधिकार नहीं मिला।
?️ भिलाई निगम से मांगा गया संपत्ति ब्यौरा – कानूनी लड़ाई का पहला पड़ाव!
जनहित में दायर याचिका के तहत भिलाई नगर निगम से अचल संपत्ति का वार्डवार ब्यौरा मांगा गया है।
इसका उद्देश्य यह जानना है कि कितनी भूमि पर अवैध कब्जे या अतिक्रमण हुआ है, और कांग्रेस शासन में संपत्तियों की पारदर्शिता का कितना ध्यान रखा गया। BSP हाउस लीज विवाद
❗ देवेंद्र यादव की चुप्पी ने बढ़ाया शक – नोटिस का अब तक कोई जवाब नहीं
- कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव को नोटिस रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से भेजी गई थी, जिसमें उनसे संपत्ति ब्यौरे पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी।
- लेकिन अब तक कोई आधिकारिक उत्तर नहीं दिया गया, जिससे इन आरोपों की विश्वसनीयता और भी मज़बूत हो गई है।
? पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश पांडे की चुप्पी पर भी उठे सवाल
इस पूरे मामले में पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश पांडे की चुप्पी रहस्यमय बनी हुई है।
क्या यह राजनीतिक रणनीति है या असहायता? यह एक खोज का विषय बन चुका है।
? जनसंघर्ष की नई लहर – अब कानूनी और जन चेतना के साथ उठेगा BSP हाउस लीज का मुद्दा
भिलाई के नागरिक अब केवल वादों पर नहीं, वैधानिक दस्तावेजों और पारदर्शिता की मांग पर ज़ोर दे रहे हैं।
जनता की कानूनी लड़ाई और जनहित याचिकाएं अब इस मुद्दे को पुनर्जीवित कर रही हैं। BSP हाउस लीज विवाद









