NCG NEWS DESK Raipur :-
महंगाई की मार का असर इस बार लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिल रहा है। प्रत्याशियों को प्रचार सामग्री को लेकर इस बार बड़े स्तर पर अपनी जेबें ढीली करनी पड़ेंगी। क्योंकि चुनाव सामग्रियों के दामों में उछाल देखने को मिला है। उदाहरण के लिए, सबसे ज्यादा बिकने वाली तीन रुपए की टोपी इस बार चार रुपए हो गई है। यही टोपी हजारों की संख्या में बिकती है। इसके अलावा थोक में सभी पार्टियों के झंडे भी बिकते हैं, लेकिन इनकी कीमत में इजाफा न करके इनकी साइज पर कैंची चली है। हर प्रचार सामग्री की कीमत में 25 से 30 फीसदी तक इजाफा हो गया है।
इसी तरह अच्छी क्वालिटी वाली टोपी पांच से जहां 7 रुपए हो गई है, वहीं 15 रुपए वाली सबसे अच्छी टोपी इस बार 20 रुपए हो गई है। जहां झंडा, बैनर, पोस्टर, टी- शर्ट, थैले की कीमतों में 25 से 30 फीसदी तक का इजाफा हो गया है, वहीं फ्लेक्स की कीमत में भी 30 फीसदी तक का इजाफा हुआ है।
बड़े स्तर पर चुनाव सामग्रियों की होती है खरीदारी
आपको बता दें कि, अपने प्रदेश में हो रहे लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा और कांग्रेस के लिए कुछ चुनाव सामग्री राष्ट्रीय नेतृत्व से आई है, वहीं प्रत्याशियों को प्रदेश संगठन से भी चुनाव सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। हालांकि, इस मदद के बावजूद प्रत्याशियों को खुद भी प्रचार सामग्री खरीदनी पड़ती है। गौरतलब है कि, अपने राज्य के अलावा बाहर के राज्यों खासकर गुजरात, महाराष्ट्र, हैदराबाद, दिल्ली से सबसे ज्यादा प्रचार सामग्री बनवाकर मंगाई जाती है।
चुनाव खर्च बढ़ेगा
चुनाव सामग्री के थोक विक्रेता रायपुर के महेंद्र कोचर का कहना है, सभी तरह की प्रचार सामग्री की कीमतो में 25 से 30 फीसदी तक का उछाल देखा जा रहा है। एक बाई आठ वाला पम्पलेट, जो पहले 32 हजार रुपए में एक लाख छप जाता था, वह अब आठ हजार इजाफा होने से 45 हजार रुपए हो गया है। इसके अलावा अलग-अलग साइज के पम्पलेट की कीमत में 25 से 30 फीसदी का इजाफा हुआ है। पोस्टर की कीमत में भी इजाफा हुआ है। फ्लैक्स पहले छह रुपए फीट के हिसाब से बनता था, वह अब साढ़े सात से आठ रुपए फीट में बन रहा है।
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