सावधान! कैश में 20,000 रुपये से ज्यादा का उधार लेना पड़ेगा भारी, लग सकता है 100% जुर्माना, जानें इनकम टैक्स के नियम

नई दिल्ली: सावधान! कैश में 20,000 रुपये से ज्यादा का उधार लेना पड़ेगा भारी, लग सकता है 100% जुर्माना, अगर आप भी अक्सर नकद यानी कैश में लेनदेन करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। आयकर नियमों की जानकारी न होना आपको एक बड़ी मुसीबत में डाल सकता है और आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। क्या आप जानते हैं कि किसी दोस्त या रिश्तेदार से 20,000 रुपये से ज्यादा का कर्ज कैश में लेना भी गैर-कानूनी है? ऐसा करने पर आयकर विभाग आप पर 100% तक जुर्माना लगा सकता है।
आयकर विभाग डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने और काले धन पर रोक लगाने के लिए बड़े कैश ट्रांजैक्शन पर कड़ी नजर रखता है। आइए जानते हैं कैश लेनदेन से जुड़े कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण नियम, जिनका पालन न करने पर आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।सावधान! कैश में 20,000 रुपये से ज्यादा का उधार लेना पड़ेगा भारी, लग सकता है 100% जुर्माना
20,000 रुपये के कर्ज का नियम
टैक्स एवं निवेश सलाहकार बलवंत जैन के अनुसार, इनकम टैक्स कानून की धारा 269SS के तहत कोई भी व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से 20,000 रुपये या उससे अधिक की रकम नकद में कर्ज के रूप में नहीं ले सकता है। इसी तरह, धारा 269T के मुताबिक, आप 20,000 रुपये से ज्यादा के कर्ज का पुनर्भुगतान भी कैश में नहीं कर सकते।सावधान! कैश में 20,000 रुपये से ज्यादा का उधार लेना पड़ेगा भारी, लग सकता है 100% जुर्माना
कितना लगेगा जुर्माना?
यदि आप इस नियम का उल्लंघन करते हैं, तो आयकर विभाग आप पर उधार ली गई या चुकाई गई रकम के बराबर का जुर्माना लगा सकता है। यानी, अगर आपने 25,000 रुपये कैश में उधार लिए, तो आप पर 25,000 रुपये का ही जुर्माना लगाया जा सकता है।
हालांकि, यह नियम बैंकों, सरकारी कंपनियों, निगमों या अन्य सरकारी संस्थानों से लिए गए लोन पर लागू नहीं होता है।सावधान! कैश में 20,000 रुपये से ज्यादा का उधार लेना पड़ेगा भारी, लग सकता है 100% जुर्माना
कैश लेनदेन से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण नियम जिनका रखें ध्यान:
2 लाख की सीमा: आप किसी एक व्यक्ति से एक दिन में या किसी एक ही ट्रांजैक्शन के लिए कुल मिलाकर 2 लाख रुपये से अधिक कैश नहीं ले सकते हैं।
बैंक डिपॉजिट: एक वित्तीय वर्ष में अपने बचत खाते में कुल 10 लाख रुपये से ज्यादा कैश जमा करने या निकालने पर बैंक इसकी सूचना आयकर विभाग को देता है।
पैन कार्ड की अनिवार्यता: अगर आप एक दिन में बैंक में 50,000 रुपये से अधिक कैश जमा करते हैं, तो आपको अपना पैन कार्ड नंबर देना अनिवार्य है।
प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री: यदि आप 30 लाख रुपये या उससे अधिक की कोई अचल संपत्ति खरीदते या बेचते हैं, तो इसकी जानकारी रजिस्ट्रार द्वारा आयकर विभाग को दी जाती है और आपको पैसों का स्रोत बताना पड़ सकता है।
क्रेडिट कार्ड का बिल: अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड का बिल हर महीने 1 लाख रुपये या उससे अधिक कैश में चुकाते हैं, तो यह जानकारी भी आयकर विभाग के पास पहुंच जाती है।
इसलिए, किसी भी बड़े वित्तीय लेनदेन के लिए हमेशा चेक, डिमांड ड्राफ्ट, NEFT/RTGS या UPI जैसे बैंकिंग चैनलों का उपयोग करना ही समझदारी है। यह न केवल आपको पारदर्शी रखता है बल्कि आयकर विभाग के किसी भी नोटिस और भारी जुर्माने से भी बचाता है।सावधान! कैश में 20,000 रुपये से ज्यादा का उधार लेना पड़ेगा भारी, लग सकता है 100% जुर्माना









