कैच द रैन अभियान: खंडवा बना जल संरक्षण में देश का सिरमौर, 1.29 लाख संरचनाओं से रचा इतिहास
जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए, मध्य प्रदेश का खंडवा जिला ‘कैच द रैन’ अभियान के तहत बारिश की बूंदों को सहेजने में देश का अव्वल जिला बन गया है। इस सफलता के साथ ही मध्य प्रदेश भी जल संचय संरचनाओं के विकास में देश के शीर्ष 5 राज्यों में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा है।कैच द रैन अभियान
खंडवा की ऐतिहासिक उपलब्धि
खंडवा जिले ने जनभागीदारी की अद्भुत मिसाल पेश करते हुए अकेले ही 1.29 लाख से अधिक जल संरचनाओं का निर्माण किया है, जो प्रदेश की कुल 3.08 लाख संरचनाओं का एक बड़ा हिस्सा है। यह उपलब्धि खंडवा को जल संरक्षण के राष्ट्रीय मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करती है।कैच द रैन अभियान
मध्य प्रदेश का राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी रैंकिंग के अनुसार, मध्य प्रदेश देश में चौथे स्थान पर है। इस सूची में तेलंगाना पहले, छत्तीसगढ़ दूसरे, और राजस्थान तीसरे स्थान पर हैं। यह दर्शाता है कि मध्य प्रदेश जल संरक्षण के प्रति कितना गंभीर है और खंडवा जैसे जिलों का इसमें कितना महत्वपूर्ण योगदान है।कैच द रैन अभियान
विविध जल संरक्षण संरचनाएं: सफलता का आधार
जिला पंचायत सीईओ डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा के अनुसार, इस अभियान की सफलता के पीछे विभिन्न योजनाओं का समन्वित प्रयास है। मनरेगा, 15वें वित्त आयोग, कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) और विशेष रूप से जनसहयोग से 1,29,046 से अधिक जल संरक्षण संरचनाएं निर्मित और पंजीकृत की गई हैं। इनमें प्रमुख हैं:
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रिचार्ज पिट: 12,750
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रिचार्ज शाफ्ट: 1,500
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डगवेल (कुएं): 23,570
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बोल्डर चेकडैम: 5,780
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बोरी बंधान: 3,960
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रूफटॉप वाटर हार्वेस्टिंग: 39,000
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इसके अतिरिक्त पत्थर/मिट्टी के फील्ड बंधान, गली प्लग, नाला ट्रेंच, हैंडपंप रिचार्ज, पोखर तालाब, खेत तालाब और अन्य संरचनाएं भी शामिल हैं।
शहरी क्षेत्रों में भी जल क्रांति
नगर निगम आयुक्त प्रियंका सिंह राजावत ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में भी जल संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। नगर निगम खंडवा द्वारा जनभागीदारी से 600 जल संचय संरचनाओं का निर्माण कराया गया, जिनसे अनुमानित 600 करोड़ लीटर जल संरक्षित होगा। इसके अतिरिक्त, ओंकारेश्वर, मूंदी, नया हरसूद और पुनासा नगर पंचायतों में भी 250-250 संरचनाएं बनाई गई हैं, जिससे शहरी क्षेत्रों में कुल 1950 संरचनाएं निर्मित हुई हैं।कैच द रैन अभियान
जनभागीदारी और प्रशासनिक सक्रियता: सफलता का मूलमंत्र
इस व्यापक सफलता का श्रेय जनभागीदारी और जिला प्रशासन की सक्रियता को जाता है। प्रशासन ने जल संरक्षण के महत्व पर कार्यशालाएं आयोजित कीं, जागरूकता चौपाल लगाईं और तकनीकी टीमें घरों तक भेजीं। अधिकारियों और कर्मचारियों ने स्वयं आगे बढ़कर अपने घरों और कार्यालयों में रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाए, जिससे आमजन को प्रेरणा मिली। शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने इसमें विशेष योगदान दिया।कैच द रैन अभियान
आंकड़ों में शीर्ष राज्य (केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय रिपोर्ट के अनुसार)
राज्य | कार्य पूर्ण | निर्माणाधीन |
तेलंगाना | 520006 | 561114 |
छत्तीसगढ़ | 405535 | 436871 |
राजस्थान | 364961 | 416072 |
मध्य प्रदेश | 276603 | 308472 |
उत्तर प्रदेश | 141046 | 167301 |
कलेक्टर का संदेश
खंडवा कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने इस अभियान को जल सहेजने का एक बेहतरीन अवसर बताया। उन्होंने कहा, “जन सहयोग से बारिश के पानी को बचाने के लिए जल संरचनाएं विकसित की जा रही हैं। सरकारी और गैर-सरकारी भवनों में रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण तेजी से हो रहा है। शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में लोग स्वयं आगे आकर सोक पिट और रूफ वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण करा रहे हैं। इस अभियान में सभी का सराहनीय योगदान है।”कैच द रैन अभियान
खंडवा की यह सफलता न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है, जो दर्शाती है कि कैसे सामूहिक प्रयास और दृढ़ इच्छाशक्ति से जल संकट जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।कैच द रैन अभियान