छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित महादेव सट्टा ऐप घोटाला
रायपुर: छत्तीसगढ़ के चर्चित महादेव सट्टा ऐप घोटाले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी गई है। पहले यह मामला प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के अंतर्गत था। सीबीआई ने केस की डायरी मिलने के बाद जांच शुरू कर दी है और इस काम के लिए दिल्ली से एक विशेष टीम भेजी गई है। घोटाले की रकम 6000 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। महादेव सट्टा ऐप घोटाले में सीबीआई की एंट्री, 6000 करोड़ रुपये से अधिक का मामला
ईडी की जांच और बड़े खुलासे
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव सट्टेबाजी घोटाले में कई सनसनीखेज खुलासे किए थे।
- ईडी द्वारा दायर आरोपपत्रों में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों, राजनेताओं और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों की संलिप्तता का खुलासा हुआ।
- ईडी की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि घोटाले को संरक्षण देने के लिए हर महीने पुलिस अधिकारियों और नेताओं को प्रोटेक्शन मनी दी जाती थी।
- दुबई से जारी एक वीडियो में प्रमोटरों ने कुछ बड़े नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए थे। महादेव सट्टा ऐप घोटाले में सीबीआई की एंट्री, 6000 करोड़ रुपये से अधिक का मामला
पुलिस अधिकारियों और नेताओं पर गंभीर आरोप
ईडी और ईओडब्ल्यू की जांच में खुलासा हुआ कि:
- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) को प्रमोटरों से हर महीने 35 लाख रुपये दिए जा रहे थे।
- प्रमोटरों ने एएसपी के लिए रायपुर के एक पॉश इलाके में फ्लैट खरीदने का खर्च उठाया।
- अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों पर भी सट्टेबाजी नेटवर्क को संरक्षण देने के आरोप हैं। महादेव सट्टा ऐप घोटाले में सीबीआई की एंट्री, 6000 करोड़ रुपये से अधिक का मामला
गिरफ्तारी और छापेमारी की स्थिति
- ईडी ने घोटाले के प्रमोटरों सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी, रवि उप्पल, और अतुल अग्रवाल को आरोपी बनाया है।
- पुलिस कर्मियों, हवाला कारोबारियों, और मीडिया से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन शीर्ष नेताओं और अधिकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
- ईडी के पास 6000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मौजूद हैं, लेकिन कई प्रभावशाली व्यक्तियों पर अभी भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। महादेव सट्टा ऐप घोटाले में सीबीआई की एंट्री, 6000 करोड़ रुपये से अधिक का मामला
सीबीआई से उम्मीदें और जांच का दायरा
घोटाले में शामिल व्यक्तियों की बढ़ती संख्या और गंभीर आरोपों को देखते हुए सरकार ने जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया।
सीबीआई अब:
- घोटाले में शामिल अधिकारियों, नेताओं, और प्रमोटरों की भूमिका की गहन जांच करेगी।
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हवाला नेटवर्क से जुड़े मामलों की तह तक जाएगी। महादेव सट्टा ऐप घोटाले में सीबीआई की एंट्री, 6000 करोड़ रुपये से अधिक का मामला