भिलाई, छत्तीसगढ़: भिलाई इस्पात संयंत्र के मैत्री बाग में वन्यप्राणी विनिमय के अंतर्गत हाल ही में सेंट्रल जू ऑथोरिटी द्वारा मंजूरी प्राप्त करने के बाद दो मगरमच्छ और चार बार्किंग डियर लाए गए हैं। यह प्रजातियाँ भिलाई के मैत्री बाग जू में 05 नवम्बर 2024 को लाई गईं, जिनमें एक नर मगरमच्छ और दो नर तथा दो मादा बार्किंग डियर शामिल हैं। इन्हें 06 नवम्बर को उनके विशेष केज में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया। CG: भिलाई के मैत्री बाग में आई नई वन्यजीवों की टीम – मगरमच्छ और बार्किंग डियर का हुआ स्वागत
वन्यजीव विनिमय का महत्व
यह वन्यजीव विनिमय भिलाई और बिलासपुर के बीच हुआ है, जिसमें 20 सांभरों के बदले यह नए वन्यजीव लाए गए हैं। इसके तहत एक मादा मगरमच्छ को इस महीने के अंत तक लाए जाने की योजना है। मैत्री बाग जू प्रबंधन ने सेंट्रल जू ऑथोरिटी को 1 जोड़ी भालू, 2 ऑस्ट्रिच और 1 जोड़ी मोर लाने का प्रस्ताव भी भेजा है। यह सभी प्रजातियाँ 20 सांभरों के विनिमय में शामिल हैं। CG: भिलाई के मैत्री बाग में आई नई वन्यजीवों की टीम – मगरमच्छ और बार्किंग डियर का हुआ स्वागत
मगरमच्छ और बार्किंग डियर के बारे में खास बातें
नए लाए गए 10 साल के नर मगरमच्छ की लंबाई 8 से 9 फीट के बीच है और यह साल्ट/फ्रेश वाटर क्रोकोडाइल प्रजाति का है। इस प्रजाति के मगरमच्छों को पानी में रहना पसंद होता है, खासकर ठंडे मौसम में वे धूप में बैठने के लिए पानी से बाहर आ जाते हैं। इनकी औसत आयु 40-50 वर्ष होती है।
बार्किंग डियर, हिरणों की सबसे छोटी प्रजाति, शेर या तेंदुआ के आसपास होने पर कुत्ते जैसी आवाज निकाल कर अपने साथियों को सतर्क कर देते हैं। इनकी औसत आयु 10-12 वर्ष होती है। CG: भिलाई के मैत्री बाग में आई नई वन्यजीवों की टीम – मगरमच्छ और बार्किंग डियर का हुआ स्वागत
वन्यजीवों की देखभाल और प्रबंधन
भिलाई मैत्री बाग जू के प्रभारी और उद्यानिकी विभाग के महाप्रबंधक डॉ. एन के जैन ने बताया कि इन वन्यजीवों का विनिमय सेंट्रल जू ऑथोरिटी के दिशा-निर्देशों के तहत किया गया है। सभी नए वन्यजीवों की देखभाल की जा रही है और इनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। CG: भिलाई के मैत्री बाग में आई नई वन्यजीवों की टीम – मगरमच्छ और बार्किंग डियर का हुआ स्वागत