रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) में एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) के एक फैसले के खिलाफ कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। आरोप है कि जो कर्मचारी न्याय पाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा रहे हैं, उन्हें निलंबन और स्थानांतरण की धमकियाँ दी जा रही हैं। इससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है और वे सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ क्रेडा विवाद: न्याय मांगने वालों को निलंबन की चेतावनी, कर्मचारियों में आक्रोश
क्या है पूरा मामला?
क्रेडा मुख्यालय में विभिन्न संवर्गों की पदोन्नति के लिए विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक 16 जुलाई 2024 को आयोजित की गई थी। लेकिन सीईओ द्वारा 80 दिनों तक पदोन्नति आदेश जारी नहीं किया गया, जिससे प्रभावित कर्मचारियों ने बिलासपुर उच्च न्यायालय में याचिका (WPC 5855/2024) दायर की।
अदालत ने क्रेडा को 8 नवंबर 2024 तक नियमों के तहत निर्णय लेने का निर्देश दिया, लेकिन सीईओ ने इस आदेश की अनदेखी कर दी। इसके बाद 6 दिसंबर 2024 को पीड़ित कर्मचारियों का स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया गया। छत्तीसगढ़ क्रेडा विवाद: न्याय मांगने वालों को निलंबन की चेतावनी, कर्मचारियों में आक्रोश
न्याय मांगने पर कर्मचारियों का तबादला
पीड़ितों का आरोप है कि सीईओ द्वारा जानबूझकर देरी की गई और कोर्ट जाने वाले कर्मचारियों को प्रताड़ित करने के लिए स्थानांतरण किया गया। कर्मचारियों ने राज्य अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत दर्ज कराई और राज्य सरकार से न्याय की मांग की है। छत्तीसगढ़ क्रेडा विवाद: न्याय मांगने वालों को निलंबन की चेतावनी, कर्मचारियों में आक्रोश
कर्मचारियों की मांग और सरकार की चुप्पी
- पीड़ित कर्मचारियों का कहना है कि डीपीसी की फाइलें जानबूझकर 150 दिनों तक रोकी गईं।
- सरकार ने 26 सितंबर 2024 को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया।
- कर्मचारियों का आरोप है कि सीईओ अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं।
- यदि सरकार ने जल्द कोई कार्रवाई नहीं की, तो कर्मचारी आंदोलन तेज कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ क्रेडा विवाद: न्याय मांगने वालों को निलंबन की चेतावनी, कर्मचारियों में आक्रोश
क्या सरकार देगी न्याय?
क्रेडा विवाद अब राजनीतिक और कानूनी लड़ाई का रूप ले चुका है। सवाल उठता है कि क्या सरकार कर्मचारियों को न्याय दिलाएगी या उनकी अनदेखी जारी रखेगी? यदि जल्द हल नहीं निकला, तो यह मामला आगामी चुनावों में भाजपा सरकार के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। छत्तीसगढ़ क्रेडा विवाद: न्याय मांगने वालों को निलंबन की चेतावनी, कर्मचारियों में आक्रोश