छत्तीसगढ़ में सीबीआई (Central Bureau of Investigation) को राज्य में जांच की अनुमति मिल गई है, लेकिन सरकार ने कुछ शर्तें रखी हैं। नए गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक, सीबीआई को राज्य के अधिकारियों के खिलाफ जांच करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। इस कदम पर कांग्रेस ने सरकार की आलोचना की है और राजनीतिक बहस छिड़ गई है।सीबीआई जांच: छत्तीसगढ़ सरकार ने तय की सीमाएं, बिना अनुमति नहीं होगी अधिकारियों पर कार्रवाईसीबीआई जांच
सीबीआई जांच की सीमाएं:-
- सरकारी कर्मचारियों पर नियंत्रण: छत्तीसगढ़ सरकार ने स्पष्ट किया है कि राज्य के कर्मचारियों के खिलाफ सीबीआई तब तक जांच नहीं कर सकती जब तक कि राज्य सरकार से पूर्व अनुमति नहीं मिलती।सीबीआई जांच
- रेड मारने से पहले परमिशन अनिवार्य: सीबीआई को राज्य के अधिकारियों के घर पर रेड मारने से पहले लिखित अनुमति लेनी होगी।सीबीआई जांच
- राज्य सरकार से अनुमति: यदि राज्य सरकार अनुमति नहीं देती, तो सीबीआई राज्य के अधिकारियों पर कोई जांच नहीं कर सकेगी।सीबीआई जांच
सीबीआई के पास छत्तीसगढ़ के तीन प्रमुख केस:-
बीजेपी सरकार बनने के बाद, सीबीआई को महादेव सट्टा ऐप, बिरनपुर हिंसा और छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले की जांच सौंपी गई है। हालांकि, पीएससी घोटाले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीबीआई को राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी, क्योंकि वे राज्य के कर्मचारी हैं।
कांग्रेस का विरोध:-
कांग्रेस नेता दीपक बैज ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच तालमेल की कमी है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सीबीआई की एंट्री केवल कांग्रेस के खिलाफ ही है?सीबीआई जांच
बीजेपी का पक्ष:-
डेप्युटी सीएम अरुण साव ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह फैसला सोच-समझकर लिया गया है और राज्य सरकार के हितों की रक्षा के लिए जरूरी है।सीबीआई जांच
भूपेश बघेल सरकार ने लगाया था बैन:-
2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भूपेश बघेल ने 2019 में राज्य में सीबीआई की जांच पर बैन लगा दिया था, जिसके तहत बिना अनुमति सीबीआई किसी भी जांच में हिस्सा नहीं ले सकती थी। अब, बीजेपी की सरकार आने के बाद इस बैन को हटा लिया गया है, लेकिन राज्य सरकार ने कुछ शर्तें जोड़ी हैं।सीबीआई जांच
छत्तीसगढ़ में सीबीआई की जांच की अनुमति तो मिल गई है, लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के लिए पहले राज्य की अनुमति अनिवार्य होगी। इस फैसले के बाद राज्य और केंद्र के बीच तालमेल को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।सीबीआई जांच