बिलासपुर । छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रेप पीड़िता को 21-22 सप्ताह की गर्भावस्था में अबॉर्शन कराने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने यह प्रक्रिया बिलासपुर के जिला अस्पताल में पूरी कराने के आदेश दिए हैं। साथ ही, मामले की सच्चाई और आरोपी की पहचान सुनिश्चित करने के लिए डीएनए सैंपल सुरक्षित रखने के निर्देश भी दिए हैं। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दी रेप पीड़िता को अबॉर्शन की अनुमति, डीएनए सुरक्षित रखने के निर्देश
रेप पीड़िता ने कोर्ट से मांगी मदद
पीड़िता के परिजनों ने हाईकोर्ट में अबॉर्शन की याचिका दायर की थी। जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। युवती ने गर्भावस्था समाप्त करने के लिए डॉक्टरों से राय मांगी थी, लेकिन इसे मेडिको-लीगल केस बताते हुए डॉक्टरों ने अबॉर्शन करने से इनकार कर दिया था। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दी रेप पीड़िता को अबॉर्शन की अनुमति, डीएनए सुरक्षित रखने के निर्देश
कलेक्टर की रिपोर्ट पर कोर्ट ने जताई नाराजगी
गुरुवार को सुनवाई के दौरान कलेक्टर की ओर से सिर्फ एक पेज की ओपीडी रिपोर्ट पेश की गई, जिस पर जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड को तलब कर पूरी रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए। सेकेंड हाफ में रिपोर्ट प्रस्तुत होने पर कोर्ट ने मामले में राहत देते हुए अबॉर्शन की अनुमति दी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दी रेप पीड़िता को अबॉर्शन की अनुमति, डीएनए सुरक्षित रखने के निर्देश
डीएनए परीक्षण का आदेश
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया कि आरोपी को सजा दिलाने के लिए पीड़िता का डीएनए सैंपल सुरक्षित रखा जाए। इस पर कोर्ट ने तारबाहर पुलिस को डीएनए सैंपल सुरक्षित रखने और इसकी प्रक्रिया एसपी के माध्यम से पूरी करने के निर्देश दिए। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दी रेप पीड़िता को अबॉर्शन की अनुमति, डीएनए सुरक्षित रखने के निर्देश
रेप पीड़िताओं के लिए कोर्ट का अहम कदम
इस मामले में हाईकोर्ट का निर्णय न केवल पीड़िता के लिए राहत है, बल्कि यह अन्य पीड़िताओं के लिए न्याय का मार्ग भी प्रशस्त करता है। यह फैसला यह भी सुनिश्चित करता है कि ऐसे मामलों में आरोपी को सजा दिलाने के लिए सबूत सुरक्षित रहें। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दी रेप पीड़िता को अबॉर्शन की अनुमति, डीएनए सुरक्षित रखने के निर्देश