छत्तीसगढ़ मेडिकल घोटाला: 5 लाख की मशीन 17 लाख में खरीदी! 660 करोड़ के गोलमाल में बड़े अफसरों पर ED का शिकंजा

छत्तीसगढ़ मेडिकल घोटाला: 5 लाख की मशीन 17 लाख में खरीदी! 660 करोड़ के गोलमाल में बड़े अफसरों पर ED का शिकंजा
छत्तीसगढ़ मेडिकल घोटाला: 5 लाख की मशीन 17 लाख में खरीदी! छत्तीसगढ़ में हुए 660 करोड़ रुपये के मेडिकल घोटाले (CGMSC Scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच ने स्वास्थ्य विभाग के कई बड़े अधिकारियों और निजी कंपनियों के बीच गहरे गठजोड़ का पर्दाफाश किया है। यह खुलासा दुर्ग स्थित मोक्षित कॉर्पोरेशन के संचालक शशांक चोपड़ा के ठिकानों पर हुई छापेमारी और उससे हुई पूछताछ के बाद हुआ है। जांच में सामने आया है कि जनता के पैसे को किस तरह सुनियोजित तरीके से लूटा गया।
कैसे हुआ 660 करोड़ का यह महाघोटाला?
ईडी की जांच में पता चला है कि यह घोटाला एक सोची-समझी साजिश थी, जिसमें टेंडर की शर्तों में हेरफेर कर और बाजार मूल्य से कई गुना अधिक कीमत पर मेडिकल उपकरणों और सप्लाई की खरीद की गई। शशांक चोपड़ा ने पूछताछ के दौरान स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका का पूरा कच्चा-चिट्ठा खोला है, जिससे जांच का दायरा पूर्व में पदस्थ कई बड़े अफसरों तक पहुंच गया है।छत्तीसगढ़ मेडिकल घोटाला: 5 लाख की मशीन 17 लाख में खरीदी!
जांच के केंद्र में अफसर और सप्लायर: खुल रही गठजोड़ की पोल
इस घोटाले में सिर्फ एक कंपनी नहीं, बल्कि कई कंपनियों का एक पूरा नेटवर्क शामिल था। ईडी को मिले इनपुट के अनुसार, मोक्षित कॉर्प, सीबी कॉर्पोरेशन, रेकॉर्डर्स एंड मेडिकेयर सिस्टम (पंचकूला) और श्री शारदा इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। इन सभी पर मिलीभगत कर सरकारी खजाने को लूटने का आरोप है। आपको बता दें कि इस मामले में शशांक चोपड़ा को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।छत्तीसगढ़ मेडिकल घोटाला: 5 लाख की मशीन 17 लाख में खरीदी!
घोटाले की चौंकाने वाली परतें: कौड़ियों का सामान करोड़ों में खरीदा
घोटाले का तरीका इतना हैरान करने वाला है कि यह किसी के भी होश उड़ा सकता है। जांच में सामने आए कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:
तीन गुना से भी ज्यादा दाम: खुले बाजार में जो सीबीसी (CBC) मशीन 5 लाख रुपये में मिलती है, उसे फर्जी शर्तों वाले टेंडर के जरिए 17 लाख रुपये प्रति मशीन में खरीदा गया।
270 गुना महंगा सौदा: 8.50 रुपये की कीमत वाली इंडीटीए (EDTA) ट्यूब्स को 2352 रुपये प्रति ट्यूब की अविश्वसनीय दर पर खरीदा गया।
अयोग्य कंपनी को ठेका: मोक्षित कॉर्प जैसी कंपनी को ठेका दिया गया, जिसके पास न तो कोई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट थी और न ही स्तरीय उत्पादन का कोई आधार।
करोड़ों का सामान बर्बाद: लगभग 300 करोड़ रुपये से ज्यादा के मेडिकल रिएजेंट्स बिना किसी जरूरत या बजट के खरीद लिए गए और वे 200 से ज्यादा स्वास्थ्य केंद्रों में पड़े-पड़े खराब हो गए, क्योंकि उनके रखरखाव के लिए कोल्ड स्टोरेज जैसे जरूरी इंतजाम भी नहीं किए गए थे।
ED का एक्शन: 40 करोड़ की संपत्ति जब्त, अब कई गिरफ्तारियां संभव
इस मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शशांक चोपड़ा और उनके परिवार से जुड़ी 40 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति को अटैच कर लिया है। अब जांच की आंच स्वास्थ्य विभाग के उन अधिकारियों तक पहुंच रही है, जिनके नाम इस घोटाले में सामने आए हैं।छत्तीसगढ़ मेडिकल घोटाला: 5 लाख की मशीन 17 लाख में खरीदी!
सूत्रों के मुताबिक, ईडी जल्द ही कई बड़े अधिकारियों को समन जारी कर पूछताछ करेगी और उनकी भूमिका तय होने पर गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। इस मामले में जल्द ही एक पूरक चालान भी पेश किए जाने की तैयारी है, जिससे इस घोटाले में शामिल कई और सफेदपोश चेहरों से पर्दा उठ सकता है।छत्तीसगढ़ मेडिकल घोटाला: 5 लाख की मशीन 17 लाख में खरीदी!









