छत्तीसगढ़ नगरपालिका चुनाव 2025: महापौर, अध्यक्ष और पार्षद पदों के लिए मुक्त प्रतीक चिन्ह सूची जारी
सारंगढ़-बिलाईगढ़। छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग ने आगामी नगरपालिका आम चुनाव 2025 के लिए महापौर, अध्यक्ष और पार्षद पदों के लिए उपयोग किए जाने वाले मुक्त प्रतीक चिन्ह की सूची जारी कर दी है। इस सूची को राज्य के सभी कलेक्टरों को भेज दिया गया है।छत्तीसगढ़ नगरपालिका चुनाव 2025
प्रमुख निर्देश और प्रतीक चिन्ह का महत्व
- यह सूची मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्यीय दलों के प्रतीकों से अलग है।
- निर्दलीय उम्मीदवार और गैर-मान्यता प्राप्त दलों के उम्मीदवार इन मुक्त प्रतीक चिन्हों का उपयोग कर सकेंगे।
- महापौर, नगरपालिका अध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष और पार्षद पदों के लिए अलग-अलग प्रतीक चिन्ह तय किए गए हैं।
महापौर और अध्यक्ष पद हेतु प्रतीक चिन्ह
महापौर, नगरपालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए जारी किए गए प्रतीक चिन्हों में शामिल हैं:
- घरेलू उपयोग के उपकरण: स्लेट, कांच का गिलास, ट्यूब लाइट, स्टूल, प्रेशर कुकर, गैस सिलेंडर, हारमोनियम, चक्की, केतली।
- फर्नीचर और उपकरण: मेज, बेंच, सोफा, लैपटॉप, शतरंज बोर्ड, कैरम बोर्ड।
- वाहन और परिवहन: ऑटो-रिक्शा, ट्रक, टायर।
- अन्य प्रतीक: फलों से युक्त टोकरी, माइक, एसी, रूम हीटर, सीसीटीवी कैमरा, केक, बांसुरी, भाला, बेल्ट।
पार्षद पद हेतु प्रतीक चिन्ह
पार्षद पद के लिए जारी मुक्त प्रतीक चिन्हों की सूची:
- घरेलू उपकरण: सिलाई मशीन, मिक्सी, रूम कूलर, टी.वी. रिमोट, अलमारी, बैटरी टॉर्च।
- खेल और मनोरंजन: कैरम बोर्ड, वायलिन, झूला।
- फर्नीचर और अन्य वस्तुएं: चारपाई, स्कूल का बस्ता, टेंट।
- खाद्य और कृषि से संबंधित: नारियल फार्म, फूलगोभी, तरबूज, कटहल।
- अन्य उपयोगी वस्तुएं: बिजली का खंभा, हाथ गाड़ी, हेलमेट, कम्प्यूटर, गुब्बारा, बिस्कुट।
निर्दलीय उम्मीदवारों को मिलेगा लाभ
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी की गई यह सूची निर्दलीय और गैर-मान्यता प्राप्त दलों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने में मदद करेगा।छत्तीसगढ़ नगरपालिका चुनाव 2025
क्या है मुक्त प्रतीक चिन्ह?
- मुक्त प्रतीक चिन्ह वह प्रतीक हैं जो किसी मान्यता प्राप्त पार्टी के लिए आरक्षित नहीं होते।
- इनका उपयोग निर्दलीय उम्मीदवार अपनी पहचान बनाने और मतदाताओं तक पहुंचने के लिए करते हैं।
चुनाव प्रक्रिया में क्या बदलाव आएंगे?
- राज्य निर्वाचन आयोग के इस निर्णय से निर्दलीय उम्मीदवारों की पहचान को और मजबूत किया जा सकेगा।
- मतदाता आसानी से अपने पसंदीदा उम्मीदवार को पहचान सकेंगे।