बाल विवाह रोकथाम में जिला प्रशासन की बड़ी सफलता
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में जिला प्रशासन ने समय रहते एक नाबालिग लड़की का बाल विवाह रुकवाकर सराहनीय कार्य किया। कलेक्टर एस. जयवर्धन के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग और जिला बाल संरक्षण इकाई की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर परिवार को समझाइश दी और विवाह को रोक दिया।जिला प्रशासन की तत्परता से नाबालिग का बाल विवाह रोका – बाल संरक्षण टीम का सराहनीय प्रयास
सूचना मिलते ही तुरंत एक्शन
जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को सूचना मिली कि सूरजपुर नगर केंद्र में 17 वर्ष 7 माह 20 दिन की किशोरी का विवाह होने वाला है। जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू के निर्देश पर संयुक्त टीम ने त्वरित कार्रवाई की। मौके पर पहुंचने पर पाया गया कि विवाह की तैयारियां चल रही थीं और परिवारजन तिलक रस्म के लिए कोरिया जाने की तैयारी में थे।जिला प्रशासन की तत्परता से नाबालिग का बाल विवाह रोका
परिवार को कानूनी जानकारी देकर रोका बाल विवाह
टीम ने परिवार को बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 18 वर्ष से कम आयु में विवाह करना अपराध है और इसमें सजा और जुर्माने का प्रावधान है। समझाइश के बाद परिवार ने बालिका के 18 वर्ष पूर्ण होने तक विवाह न करने का वचन पत्र दिया। इस दौरान पंचनामा तैयार कर बालिका का कथन भी दर्ज किया गया।जिला प्रशासन की तत्परता से नाबालिग का बाल विवाह रोका
स्थानीय लोगों को किया जागरूक
टीम ने उपस्थित लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणाम और इसके कानूनी परिणामों की जानकारी दी। साथ ही चाइल्ड हेल्पलाइन (1098), महिला हेल्पलाइन (181) और आपातकालीन हेल्पलाइन (112) की जानकारी दी, ताकि भविष्य में किसी भी मामले की तुरंत सूचना दी जा सके।जिला प्रशासन की तत्परता से नाबालिग का बाल विवाह रोका
अभियान में शामिल अधिकारी और टीम
इस अभियान में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, परियोजना अधिकारी वर्षा अग्रवाल, संरक्षण अधिकारी अखिलेख सिंह, पर्यवेक्षक अविधा उईके, चाइल्डलाइन से कार्तिक मजूमदार, शीतल सिंह, पवन धीवर, हेड कांस्टेबल अखिलेश यादव और प्रेम सागर साहू शामिल थे।जिला प्रशासन की तत्परता से नाबालिग का बाल विवाह रोका