भिलाई : केंद्र सरकार द्वारा सेल राउरकेला स्टील प्लांट की केप्टीव माइंस, तालडीह आयरन ओर माइंस को अडानी समूह को देने के खिलाफ आज सीटू (स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं ने भिलाई में जोरदार धरना प्रदर्शन किया। सीटू नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस निजीकरण के खिलाफ केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और इसे देश की सार्वजनिक संपत्ति की लूट करार दिया।
केंद्र सरकार के निर्णय के विरोध में सीटू का प्रदर्शन
तालडीह आयरन ओर माइंस को अडानी को सौंपे जाने के खिलाफ पिछले 12 दिनों से तालडीह माइंस में हड़ताल चल रही थी। केंद्र सरकार ने उड़ीसा की बीजेपी सरकार का सहारा लेकर पुलिस बल के जरिए हड़ताल तोड़ी और अडानी ग्रुप के कर्मचारियों को खदान में प्रवेश करने की अनुमति दी। फिर भी, हड़ताल और विरोध प्रदर्शन जारी रहे। सेल राउरकेला स्टील प्लांट की केप्टीव माइंस को अडानी को बेचे जाने के खिलाफ भिलाई में सीटू का विरोध प्रदर्शन
सीटू ने किया राज्यभर में विरोध प्रदर्शन
आज, 18 दिसंबर को सीटू द्वारा पूरे राज्य में, खासकर सेल के प्लांट और माइंस में, केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ धरना और प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सार्वजनिक उपक्रमों की खदानों और यूनिट्स को निजी हाथों में सौंपने से श्रमिकों और देश की जनता का हक छिन जाएगा। सेल राउरकेला स्टील प्लांट की केप्टीव माइंस को अडानी को बेचे जाने के खिलाफ भिलाई में सीटू का विरोध प्रदर्शन
सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का विरोध
सीटू ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियां देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और निजीकरण के रास्ते में देश के संसाधनों को बेचने का प्रयास कर रही हैं। इसके विरोध में सीटू और अन्य श्रमिक संगठन अब भी अपनी आवाज उठाते रहेंगे। सेल राउरकेला स्टील प्लांट की केप्टीव माइंस को अडानी को बेचे जाने के खिलाफ भिलाई में सीटू का विरोध प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों का मजबूत संदेश
भिलाई में आयोजित इस प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया कि सीटू और अन्य श्रमिक संगठन सरकारी कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ पूरी तरह से खड़े हैं और इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे। सेल राउरकेला स्टील प्लांट की केप्टीव माइंस को अडानी को बेचे जाने के खिलाफ भिलाई में सीटू का विरोध प्रदर्शन