मुंगेली स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही का मामला उजागर
मुंगेली: मुंगेली जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) ने अपने ही विभाग के बाबू इंद्रजीत सिंह आडीले को नोटिस जारी कर उनके वेतन आहरण पर रोक लगाने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई RTI एक्टिविस्ट संदीप सिंह ठाकुर द्वारा सूचना के अधिकार (RTI) के तहत दायर किए गए आवेदन के बाद की गई। CMHO ने विभागीय लिपिक के वेतन पर लगाई रोक: RTI एक्टिविस्ट संदीप सिंह की शिकायत पर हुई कार्रवाई
क्या है पूरा मामला?
RTI एक्टिविस्ट संदीप सिंह ने स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की नियुक्ति से जुड़े दस्तावेजों की जानकारी मांगी थी। इसके लिए जन सूचना अधिकारी ने संबंधित सेक्शन के बाबू को निर्देशित किया था, लेकिन बार-बार निर्देश के बावजूद जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। CMHO ने विभागीय लिपिक के वेतन पर लगाई रोक: RTI एक्टिविस्ट संदीप सिंह की शिकायत पर हुई कार्रवाई
CMHO का सख्त रुख
CMHO ने संबंधित बाबू को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई जानकारी तुरंत उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए कहा कि जब तक जानकारी आवेदक को नहीं दी जाती, तब तक उनका वेतन आहरण नहीं किया जाएगा। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे। CMHO ने विभागीय लिपिक के वेतन पर लगाई रोक: RTI एक्टिविस्ट संदीप सिंह की शिकायत पर हुई कार्रवाई
विभागीय लापरवाही पर सवाल
यह मामला स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाता है। निर्देशों की अनदेखी और जानबूझकर जानकारी न देने को किसी बड़े भ्रष्टाचार को छुपाने की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है। यह घटनाक्रम विभागीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है। CMHO ने विभागीय लिपिक के वेतन पर लगाई रोक: RTI एक्टिविस्ट संदीप सिंह की शिकायत पर हुई कार्रवाई
RTI का महत्व
RTI एक्टिविस्ट संदीप सिंह ने बताया कि यह मामला सिर्फ लापरवाही का नहीं है, बल्कि यह सरकारी कामकाज में जवाबदेही सुनिश्चित करने का भी प्रयास है। उनका कहना है कि यदि सभी अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं, तो भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सकती है। CMHO ने विभागीय लिपिक के वेतन पर लगाई रोक: RTI एक्टिविस्ट संदीप सिंह की शिकायत पर हुई कार्रवाई