कोयला मंत्री किशन रेड्डी का गेवरा दौरा: भू-विस्थापितों और मीडिया से दूरी, सशस्त्र बल के साए में हुआ निरीक्षण
कोरबा (छत्तीसगढ़): देश की दूसरी सबसे बड़ी कोयला खदान गेवरा में 10 अप्रैल 2025 को केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने अचानक दौरा किया। इस दौरान उन्होंने न तो भू-विस्थापितों से मुलाकात की और न ही मीडिया से संवाद किया, जिससे जनप्रतिनिधियों और स्थानीय निवासियों में नाराजगी देखी गई। कोयला मंत्री किशन रेड्डी का गेवरा दौरा
सुरक्षा घेरे में हुआ दौरा, मीडिया रही दूर
गेवरा खदान के दौरे के दौरान क्षेत्र को पूरी तरह सशस्त्र बलों की निगरानी में सील कर दिया गया था। भू-विस्थापितों और मुआवजा पाने के इंतजार में बैठे ग्रामीणों को मंत्री से मिलने नहीं दिया गया। वहीं स्थानीय मीडिया को भी कार्यक्रम से दूर रखा गया, जिससे मंत्री की इस चुपचाप यात्रा पर सवाल उठने लगे हैं। कोयला मंत्री किशन रेड्डी का गेवरा दौरा
गेवरा खदान: भारत की ऊर्जा रीढ़
मंत्री रेड्डी ने गेवरा स्थित एसईसीएल (SECL) की इस खदान में:
- 42 क्यूबिक मीटर शैवेल
- 240 टन डंपर
- ब्लास्ट-फ्री सरफेस माइनर तकनीक
- पर्यावरण अनुकूल साइलो प्रणाली (First Mile Connectivity)
का निरीक्षण किया। उन्होंने इसे भारत की ऊर्जा सुरक्षा की रीढ़ बताया और कोयला कर्मियों को राष्ट्र का “ऊर्जा प्रहरी” कहा।
🌱 वृक्षारोपण और ‘कल्याण मंडप’ का उद्घाटन
मंत्री ने:
- मियावाकी तकनीक से बने वृक्षारोपण स्थल का दौरा किया
- कर्मचारियों के लिए निर्मित ‘कल्याण मंडप’ का उद्घाटन किया
- कोयला कर्मियों के साथ भोजन साझा किया और सेल्फी ली
उन्होंने खनन क्षेत्र में सतत विकास और माइन क्लोजर (खदान समापन) की योजनाओं को शीघ्रता से लागू करने पर जोर दिया। कोयला मंत्री किशन रेड्डी का गेवरा दौरा
📢 भू-विस्थापितों का दर्द: मुआवजा और नौकरी की लड़ाई
कोरबा क्षेत्र में भू अर्जन और मुआवजा वितरण में घोटाले की खबरें पहले से सुर्खियों में हैं। स्थानीय ग्रामीण और विस्थापित परिवार मंत्री से अपनी समस्याएं साझा करना चाहते थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया। यह मामला अब राजनीतिक और सामाजिक विमर्श का हिस्सा बनता जा रहा है। कोयला मंत्री किशन रेड्डी का गेवरा दौरा
🏢 उपस्थित रहे ये वरिष्ठ अधिकारी:
- श्री पी.एम. प्रसाद, चेयरमैन, कोल इंडिया लिमिटेड
- श्री बी.पी. पति, संयुक्त सचिव, कोयला मंत्रालय
- श्री हरीश दुहन, सीएमडी, SECL
- अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं कोयला कर्मी
गेवरा खदान दौरे को भले ही तकनीकी प्रगति और श्रमिक सम्मान से जोड़ा जा रहा हो, लेकिन भू-विस्थापितों से दूरी और मीडिया प्रतिबंध ने इस दौरे की पारदर्शिता और जनसंपर्क को सवालों के घेरे में ला दिया है। कोरबा जैसे खनन क्षेत्रों में सामाजिक न्याय और पारदर्शिता की आवश्यकता अब पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है। कोयला मंत्री किशन रेड्डी का गेवरा दौरा