रायपुर: छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एम.के. वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच के लिए राज्यपाल ने एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। यह समिति कुलपति डॉ. वर्मा पर लगे गंभीर आरोपों की जांच करेगी।
डॉ. एम.के. वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में कुलपति द्वारा की गई आर्थिक अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और भर्ती घोटालों की शिकायतों के आधार पर जांच का आदेश दिया है। इस जांच टीम में एनआईटी के डायरेक्टर डॉ. एनवी रमन्ना राव को चेयरमैन बनाया गया है, जबकि समिति के अन्य सदस्य शारदा वर्मा (वित्त विभाग की सचिव) और डॉ. गिरीश चंदेल (कुलपति, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय) होंगे।
समिति 30 दिन में पेश करेगी रिपोर्ट
इस जांच कमेटी को 30 दिन के भीतर राज्यपाल और कुलाधिपति के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम 2004 की धारा 9 के तहत, यह जांच वित्तीय नियमों और शासकीय निर्देशों के आधार पर की जा रही है।
कुलपति का कार्यकाल और भविष्य
डॉ. एम.के. वर्मा का वर्तमान कार्यकाल 4 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है। उनका कार्यकाल पहले 4 वर्ष का था, जिसे वर्तमान सरकार के दौरान 5 वर्ष कर दिया गया था। चर्चा है कि वर्मा तीसरे कार्यकाल के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन इस जांच की रिपोर्ट उनके भविष्य पर असर डाल सकती है।
पूर्व विवादों का भी हो चुका है निपटारा
पहले भी डॉ. वर्मा के खिलाफ टीए-डीए भुगतान को लेकर विवाद हुआ था, लेकिन राशि लौटा दिए जाने से मामला शांत हो गया था। अब देखना है कि इस बार की जांच रिपोर्ट क्या निर्णय लेकर आती है, और राज्य सरकार उनके तीसरे कार्यकाल पर क्या फैसला करती है।