बालोद में वाहन चालक कमल किशोर की साजिश बेनकाब: झूठे आरोपों के पीछे छिपी असलियत का हुआ खुलासा
बालोद। बालोद जिले के गुरूर क्षेत्र में एसडीएम प्राची ठाकुर के खिलाफ वाहन चालक कमल किशोर गंगराले द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों का पर्दाफाश हो गया है। जांच में सामने आया कि कमल किशोर ने एसडीएम को बदनाम करने की साजिश के तहत यह आरोप गढ़े थे। वाहन चालक कमल किशोर की साजिश बेनकाब.
बालोद जिले में गुरूर क्षेत्र की एसडीम प्राची ठाकुर को लेकर उनके ही वाहन चालक ने कूट रचना रच कर षड्यंत्रपूर्वक एक झूठा आरोप गढ़ दिया था ,उस आरोप की जब सूक्ष्म जांच कराई गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए, तथ्य यह थे कि वाहन चालक कमल किशोर गंगराले द्वारा स्वयं लॉग बुक एवं डीजल पंजी में हस्ताक्षर कर सरकारी वाहन ख़राब होने की जानकारी एसडीएम को दी गई। इस दौरान कार्य बाधित ना हो इस कारण निजी वाहन का प्रयोग किया गया । पूर्व में भी ड्राइवर कमल की कार्यप्रणाली काफी दिनों से असंतोष रहने की वजह से वह सुर्खियों में रहा है और उसके द्वारा तहसील की गोपनीय जानकारियों को भी सार्वजनिक किया गया था जिसके चलते उस पर कार्यवाही करते हुए उसे ज़िला कार्यालय अटैच करने का आदेश जारी किया गया । इस आदेश के पूर्व उसे अधिकारी से किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं थी पर उसे एसडीएम ड्राइवर के पद से हटाकर कार्यालय भेजने के कारण उसने झूठा आरोप लगाने का षड्यंत्र रचा जिस षड्यंत्र में स्वयं वाहन चालक कमल किशोर गंगराले बुरी तरह फंस गया है। जिसके कारण अब उसकी नौकरी पर खतरे की घंटी बजने लगी है।वाहन चालक कमल किशोर की साजिश बेनकाब
बालोद जिले क्षेत्र की एसडीएम प्राची ठाकुर के सकारात्मक कार्य और बेहतरीन कार्य प्रणाली ने बालोद जिले क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्र में अग्रणी और अव्वल कार्य किया है , जिसे लेकर स्वतन्त्रता दिवस पर सांसद विजय बघेल ने उन्हें सम्मानित भी किया है।वाहन चालक कमल किशोर की साजिश बेनकाब
वाहन चालक द्वारा एक अधिकारी की छवि को धूमिल करना काफी निंदनीय है पूरे बालोद जिले में अधिकारी वर्ग ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। बताया जाता है कि ड्राइवर कमल एसडीएम को नाम से संबोधित किया करता था जो कि कदाचरण की श्रेणी में आता है। ड्राइवर की कार्यप्रणाली काफी असंतोषजनक होने की वजह से वह कभी भी पदमुक्त हो सकता था। वाहन चालक कमल किशोर के खिलाफ लगातार गंभीर आरोप पिछले कई वर्षों से लगते आ रहे थे जिसके चलते ही अधिकारी ने उस पर तत्काल कार्यवाही की थी ।वाहन चालक कमल किशोर की साजिश बेनकाब
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वाहन चालक कमल किशोर का परिवार दंतेवाड़ा में निवासरत है जिससे मिलने के लिए हर हफ़्ते। बिना लिखित जानकारी दिये 3-4 दिन छुट्टी पे ही रहता था और वापस आकर उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर कर दिया करता था।वाहन चालक कमल किशोर की साजिश बेनकाब
तहसील कर्मचारियों ने जब एसडीएम को इस बात की जानकारी दी तो अधिकारी ने तत्काल उस पर कार्यवाही की बात कही जिससे घबराकर उसने यह आरोप लगाया। वह अक्सर अधिकारी के गाड़ी में मौजूद रहते धुम्रपान कर गाड़ी चलाता था। इसके चलते उसे तत्काल पद से हटाते हुए ज़िला कार्यालय अटैच किया गया एवं उसके खिलाफ कार्यवाही की तैयारी की जा रही थी। वाहन चालक कमल किशोर की साजिश बेनकाब
प्राप्त जानकारी के अनुसार ड्राइवर कमल किशोर ने स्वयं डीजल पंजी मे लिखित हस्ताक्षर कर जानकारी दिया है कि सरकारी वाहन चलने के लायक नही है, ऐसे मे सरकारी वाहन के दुरूपयोग करने के आरोपो की सत्यता संदेह के दायरे मे आ गई है। वही सरकारी वाहन खराब होने के कारण उसे बनने के लिए दिया गया और इसी समय एसडीएम द्वारा निजी वाहन का ही उपयोग किया जा रहा था। परंतु ऐसे मे ड्राईवर द्वारा लगाया गया आरोप स्वयं ही संदेहो एवं जांच के दायरे मे आ गया है। वाहन चालक कमल किशोर की साजिश बेनकाब
मामले मे एसडीएम ने बताया की ड्राइवर द्वारा अनुपस्थित दिवस मे भी उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर किया जाता था। ड्राईवर ने स्वयं लिखित जानकारी दी है कि सरकारी वाहन खराब है उसी दौरान वाहन को बनने दिया गया और कार्य में बाधा ना आए करके निजी वाहन का उपयोग किया गया।वाहन चालक कमल किशोर की साजिश बेनकाब
वाहन चालक कमल किशोर गंगराले के द्वारा अधिकारी पर लगाये सारे आरोप झूठे साबित हुए और परंतु जब उक्त विषय की जांच कराई गई तो ऐसा कोई भी आरोप सामने नहीं आया ।वाहन चालक कमल किशोर की साजिश बेनकाब