महिला एवं बाल विकास विभाग में मनमानी की घटनाएं
कोरबा जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग पर इन दिनों गंभीर आरोप लग रहे हैं। विभाग की कार्यशैली, जिसमें मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में अपात्र जोड़ों का समावेश, आंगनबाड़ी केंद्रों के बजट का बंदरबाट, और विवादित कर्मचारियों से कार्य कराने की बात सामने आई है, चर्चा का विषय बनी हुई है। महिला एवं बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार: मुख्यमंत्री कन्या विवाह और अन्य योजनाओं में घोटाले की आशंका
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में दो अपात्र जोड़ो का विवाद
12 दिसंबर को सीएसईबी फुटबॉल ग्राउंड में आयोजित मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 102 जोड़ो का चिन्हांकन किया गया था, लेकिन अंततः 98 जोड़ो की ही शादी हुई। इसमें से दो जोड़ें आपातकालीन कारणों से नहीं आ सके, जबकि दो अन्य नाबालिग निकले, जिन्हें बिना सत्यापन के विवाह में बिठा दिया गया। इस घोटाले का खुलासा होने के बाद इन जोड़ो को जल्दबाजी में कार्यक्रम से बाहर किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार: मुख्यमंत्री कन्या विवाह और अन्य योजनाओं में घोटाले की आशंका
आंगनबाड़ी केंद्रों के बजट का बंदरबाट
आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए प्राप्त 17 हजार रुपए के बजट से सिंटेक्स पानी टंकी और रनिंग वाटर कनेक्शन के नाम पर करोड़ों रुपये का बंदरबाट किया जा रहा है। जिले में 2574 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए कुल 4 करोड़ 37 लाख 58 हजार रुपये का आबंटन किया गया है। इन पैसों का एक बड़ा हिस्सा बिना कोटेशन के सत्ताधारी दल के कुछ लोगों को दे दिया गया, जिससे डेढ़ से दो करोड़ रुपये का अवैध लाभ हो रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार: मुख्यमंत्री कन्या विवाह और अन्य योजनाओं में घोटाले की आशंका
डीपीओ की कार्यशैली और भ्रष्ट कर्मचारियों से काम कराना
कोरबा में पदस्थ महिला एवं बाल विकास विभाग के डीपीओ पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। आईसीपीएस के एक विवादित कर्मचारी, मनोज पटेल, को जिला कार्यालय में कार्य करने के लिए अटैच किया गया है। यह वही कर्मचारी है जिस पर पहले भी रिश्वत लेने का आरोप लगा था, जिससे डीपीओ का तबादला तक किया गया था। बावजूद इसके, इस बार भी डीपीओ ने उसे अपने कार्यों के लिए जिला कार्यालय में अटैच किया है, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलने का संदेह है। महिला एवं बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार: मुख्यमंत्री कन्या विवाह और अन्य योजनाओं में घोटाले की आशंका
डीएमएफ योजना में अनियमितताओं का आरोप
डीएमएफ योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में एलपीजी गैस कनेक्शन के लिए 3 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, लेकिन आरोप है कि इस योजना में भी गड़बड़ियां की जा रही हैं। गैस चूल्हे की गुणवत्ता बहुत ही निम्न स्तर की बताई जा रही है, जिसकी जांच की आवश्यकता है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में 2.5 करोड़ रुपये का बिल कलेक्टर की प्रशासकीय स्वीकृति के बिना प्रस्तुत किया गया, जिससे स्व सहायता समूहों का भुगतान रोक दिया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार: मुख्यमंत्री कन्या विवाह और अन्य योजनाओं में घोटाले की आशंका
निष्कर्ष: विभागीय भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या
कोरबा जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताएं गंभीर समस्या बन गई हैं। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, आंगनबाड़ी केंद्रों के बजट, और डीएमएफ योजनाओं में घोटाले की जांच की आवश्यकता है ताकि जनता का विश्वास बहाल किया जा सके और विभागीय कामकाजी माहौल को सुधारा जा सके। महिला एवं बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार: मुख्यमंत्री कन्या विवाह और अन्य योजनाओं में घोटाले की आशंका