कोयला घोटाले में पार्षद पुत्र गिरफ्तार: दो साल से था फरार, कोल डिपो की आड़ में कर रहा था धोखाधड़ी
बिलासपुर। कोयले की हेराफेरी और मिलावट के बड़े घोटाले में शामिल पार्षद पुत्र रमाकांत उर्फ रोमी मौर्य को दो साल बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह कोल डिपो संचालक के रूप में काम कर रहा था और अच्छी क्वालिटी के कोयले को अपने डिपो में उतारकर घटिया क्वालिटी का कोयला सप्लाई कर रहा था।कोयला घोटाले में पार्षद पुत्र गिरफ्तार
➡️ मामला रतनपुर थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस लंबे समय से इस आरोपी की तलाश कर रही थी।
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?
🔹 फिल कोल वाशरी के मैनेजर ने साल 2022 में कोयला चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी।
🔹 उनकी कंपनी का एक ट्रेलर गेवरा से कोयला लोड कर घुटकू स्थित वाशरी के लिए रवाना हुआ था।
🔹 ट्रेलर के ड्राइवर बसंत और वाहन मालिक शारदा राठौर ने मौर्या कोल डिपो के मालिक रोमी मौर्य से मिलीभगत कर अच्छी क्वालिटी का कोयला उतार लिया।
🔹 इसके बाद खराब क्वालिटी का कोयला लोड कर दिया गया, ताकि वजन बराबर बना रहे।
➡️ जब कोल वाशरी में कोयले की जांच की गई, तो उसकी गुणवत्ता बेहद खराब निकली। पूछताछ में ड्राइवर ने पूरी साजिश का खुलासा कर दिया।
पहले ही पकड़े जा चुके हैं कई आरोपी, पार्षद पुत्र था फरार
📌 पुलिस ने पहले ही ड्राइवर बसंत, वाहन मालिक शारदा राठौर और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
📌 लेकिन मुख्य साजिशकर्ता रोमी मौर्य दो साल से फरार था और पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी।
📌 रविवार को पुलिस को सूचना मिली कि वह अपने घर लौटा है।
📌 पुलिस टीम ने तुरंत घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
➡️ अब पुलिस इस घोटाले में शामिल अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
✔️ घोटाला: अच्छी क्वालिटी के कोयले की चोरी और मिलावटी कोयला सप्लाई
✔️ स्थान: रतनपुर थाना क्षेत्र, बिलासपुर
✔️ मुख्य आरोपी: पार्षद पुत्र रोमी मौर्य (कोल डिपो संचालक)
✔️ गिरफ्तारी: 2 साल की फरारी के बाद पुलिस ने किया अरेस्ट
✔️ शिकायतकर्ता: फिल कोल वाशरी के मैनेजर
➡️ क्या प्रशासन अब इस तरह के घोटालों पर सख्ती से रोक लगाएगा? इस मामले पर आपकी क्या राय है? कमेंट करें! ⬇️