भदोही (उत्तर प्रदेश) – प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में फर्जी अनुसूचित जाति (SC) प्रमाण पत्र का उपयोग कर एमबीबीएस में दाखिला लेने के आरोप में एक छात्र को कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में छात्र को 7 साल की जेल, कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला
मामले का पूरा विवरण
यह मामला भदोही जिले के गोपीगंज क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव निवासी अमित कुमार बिंद से जुड़ा है। अमित ने पहले जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) में प्रवेश के लिए ओबीसी सर्टिफिकेट का उपयोग किया था। लेकिन 23 मार्च 2010 को उसने एक फर्जी एससी सर्टिफिकेट बनवाया, जिसमें उसे खटीक जाति का बताया गया, जो अनुसूचित जाति श्रेणी में आती है। फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में छात्र को 7 साल की जेल, कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला
एमबीबीएस में प्रवेश के लिए फर्जीवाड़ा
एसपी मीनाक्षी कात्यान के अनुसार, अमित ने 2018 में इसी फर्जी प्रमाण पत्र का उपयोग करते हुए एससी कोटा में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन लिया। गोपीगंज क्षेत्र के विजय बहादुर उर्फ विश्राम सिंह ने 7 जून 2018 को अमित के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जांच में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में छात्र को 7 साल की जेल, कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला
कॉलेज ने लिया सख्त एक्शन
एफआईआर दर्ज होने के बाद मेडिकल कॉलेज ने तत्काल प्रभाव से अमित कुमार बिंद का दाखिला रद्द कर दिया और उसे निष्कासित कर दिया। अदालत में पेश आरोप पत्र के बाद कोर्ट ने अमित को सात साल की सजा सुनाई और 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में छात्र को 7 साल की जेल, कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला